Gorakhpur News- भारत व नेपाल के बीच समग्र शैक्षिक व सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय तथा नेपाल के लुम्बिनी बौद्ध विश्वविद्यालय ने एक साझा पहल की है। दोनों विश्वविद्यालयों के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता हुआ। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय की तरफ से कुलपति मेजर जनरल डॉ अतुल बाजपेयी और नेपाल के लुम्बिनी बौद्ध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो सुबर्ण लाल बज्राचार्य ने एमओयू पर हस्ताक्षर कर इसका आदान-प्रदान किया।
यह भी पढ़ें- सोशल मीडिया पर भाजपा प्रत्याशी कंगना रनौत पर आपत्तिजनक पोस्ट, यूपी के कानपुर का है आरोपी अतीक हाशमी
एमओयू के अनुसार दोनों विश्वविद्यालय शिक्षा व संस्कृति के क्षेत्र में विद्यार्थी विनिमय कार्यक्रम के साथ ही शोध और नवाचार की दिशा में मिलकर काम करेंगे। कुलपति प्रो सुबर्ण लाल बज्राचार्य ने कहा कि भारत और नेपाल के सांस्कृतिक संबंध मानव सभ्यता और संस्कृति प्राचीन हैं। दोनों देशों की साझी सांस्कृतिक विरासत है और इसे आपसी शैक्षिक कार्यक्रमों से संरक्षित और संवर्धित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि महायोगी गुरु गोरखनाथ और महात्मा बुद्ध भारत-नेपाल के आपसी रिश्ते की मजबूत कड़ी हैं। महायोगी गुरु गोरखनाथ आज भी नेपाल की जनता की आस्था के केंद्र बिंदु हैं, जबकि महात्मा बुद्ध का दर्शन नेपाल के रग-रग में समाया हुआ है। उन्होंने कहा कि महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के साथ शैक्षणिक गतिविधियों को और प्रतिष्ठत करने के उद्देश्य से किया गया कार्य दोनों देशों के रिश्ते को और प्रगाढ़ करेगा।
इस अवसर पर महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय की तरफ से कुलपति मेजर जनरल डॉ अतुल बाजपेयी ने अपने नेपाली समकक्ष का स्वागत करते हुए कहा कि यह दो विश्वविद्यालयों के बीच एमओयू तो है ही, दो देशों की साझा सांस्कृतिक को एक साथ मिलकर बचाने, बढ़ाने और जीने का अभियान भी है। उन्होंने कहा कि दोनों विश्वविद्यालय ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय मंच पर कार्य करेंगे ही, साथ ही दोनों देशों के बीच संबंधों की डोर मजबूत किए रहने के प्रति भूमिका भी निभाएंगे। तकनीकी, नवाचार और नए उभरते क्षेत्रों में आपसी सहयोग एवं सहभाग का आदर्श मानक स्थापित करेंगे। उन्होंने कहा कि आज दोनो देशों के मध्य शैक्षणिक गतिविधियों के साथ साझी संस्कृति का भी मिलन हो रहा है।