Jhansi News- उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के झोकन बाग स्थित एक स्कूल में अभिभावकों ने जमकर हंगामा किया। नाराज अभिभावकों का कहना है कि प्रशासन की तरफ से बच्चों को नोटिस के द्वारा 9 अप्रैल को स्कूल में लड़कों को कुर्ता-पैजामा और टोपी में बुलाया गया, जबकि लड़कियों को सूट-सलवार और दुपट्टे में बुलाया गया। अभिभावकों का आरोप है कि बच्चों से ईद का त्योहार मनवाया गया। वहीं जानकारी मिलने पर बजरंग दल समेत कई हिंदूवादी संगठन स्कूल पहुंच गए और नारेबाजी शुरु कर दी। कार्यकर्ताओं ने यह आरोप लगाया कि स्कूल परिसर में बच्चों का ब्रेनवॉश कर एक धर्म-विशेष के प्रति आकर्षित किए जाने का षड्यंत्र रचा जा रहा है।
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बता दें कि बीती 8 अप्रैल को झोकन बाग स्थित मॉर्डन स्कूल की ओर से एक शिक्षिका के द्वारा अभिभावकों को यह संदेश भेजा गया था, कि 9 अप्रैल को स्कूल में ईद मनाई जाएगी। इस दिन छात्राओं को सूट और दुपट्टे में बुलाया गया, जबकि छात्रों को कुर्ता-पायजामा व टोपी में बुलाया गया। साथ ही दो सफेद रुमाल लाने के लिए भी बोला गया था। इस पर हिन्दू संगठनों ने हंगामा काटा था।बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के हंगामे के बाद स्कूल प्रबंधन ने यह बात स्वीकार है कि एक शिक्षिका की गलती की वजह से ऐसा संदेश बच्चों के बीच चला गया। किसी भी बच्चे को अनिवार्य रुप से इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए नहीं कहा गया था।
बजरंग दल के जिला सहविद्यार्थी प्रमुख प्रथम टंडन ने गुरुवार को कहा कि स्कूल द्वारा भेजे गए मैसेज और वीडियो में ईद मनाने की बात
सामने आई थी। इससे यह बात साफ है कि बच्चों का ब्रेनवॉश करने का प्रयास किया जा रहा था। स्कूल ने अपनी गलती मानते हुए यह वायदा किया है कि भविष्य में ऐसी गलती नहीं दोहराई जाएगी। वहीं इस मामले पर स्कूल प्रबंधन का कहना है कि गलती से मैसेज सभी बच्चों के लिए चला गया था। जिस शिक्षिका ने यह मैसेज सभी छात्रों को भेजा था, उन्होंने लिखित में उससे माफी मांगी है। स्कूल के प्रबंधक अनिल पाण्डेय ने बताया कि हम यह स्वीकार करते हैं कि एक शिक्षिका की गलती की वजह से यह घटना हुई। शिक्षिका को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है। हमारा उद्देश्य किसी की भावनाओं को आहत करना नहीं था।