कानपुर के छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय में अब छात्र कर्मकांड की भी पढ़ाई कर सकेंगे। इस कोर्स में छात्र कलश-पूजन से लेकर 16 संस्कारों के विद्वान बनेंगे। ग्रह नक्षत्रों की जानकारी के साथ ही महायज्ञ का तरीका भी बताया जाएगा। सीएसजेएम यूनिवर्सिटी में कर्मकांड का डिप्लोमा, सर्टिफिकेट, ज्योतिर्विज्ञान का मास्टर्स और सर्टिफिकेट कोर्स का संचालन किया जाएगा। सीएसजेएम यूनिवर्सिटी में बना दीनदयाल शोध केंद्र इन पाठ्यक्रमों का संचालन करेगा।
विश्वविद्यालय में हिंदी संस्कृत और हिंदू स्टडीज़ के बाद कर्मकांड और ज्योतिर्विज्ञान की शुरुआत होने जा रही है। छात्रों को धर्म संस्कृति से जोड़ने के उद्देश्य से इस कोर्स को शुरू किया जा रहा है। इस कोर्स में दाखिले की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसमें 12वीं पास करने वाला कोई भी छात्र आवेदन कर सकता है। प्रत्येक कोर्स में 25 सीटें निर्धारित की गई हैं। कोर्स को करने के बाद छात्र के पास पुरोहित का प्रमाण पत्र रहेगा, जिसके जरिए छात्र भारतीय सेना में धर्म शिक्षक की पोस्ट पर नौकरी कर सकते हैं। आपको बता दें कि भारतीय सेना में धर्म शिक्षक की पोस्ट पर कर्मकांड का डिप्लोमा अनिवार्य होता है।
कर्मकांड में 1 साल डिप्लोमा कोर्स की फीस 5000 रुपए, 6 माह के सर्टिफिकेट कोर्स की फीस 2500 रुपए होगी। ज्योतिर्विज्ञान से परास्नातक की फीस 7000, छह माह के सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम की 2500, पीजी डिप्लोमा दीनदयाल अध्ययन के 1 साल कोर्स की फीस 5000 रुपए है। तो वहीं भारतीय ज्ञान परंपरा के 6 माह के व्यवसायिक पाठ्यक्रम कोर्स की फीस 500 रुपए है। विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी विशाल शर्मा का कहना है कि सीएसजेएम यूनिवर्सिटी में पहली बार कर्मकांड विषय पर डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स की पढ़ाई शुरू होगी।