उत्तर प्रदेश में एक्सप्रेस-वे के किनारे 7 नए औद्योगिक विकास के कॉरिडोर बनाने को मंजूरी दी गई है। औद्योगिक विकास विभाग के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हरी झंडी दे दी है। इसके तहत पांच इंडस्ट्रियल कॉरिडोर पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के किनारे होंगे, जबकि दो इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे पर होंगे। हर इंडस्ट्रियल गलियारे के लिए 500-500 करोड़ रुपए जुटाने को कहा गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने औद्योगिक विकास विभाग के साथ उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनने से औद्योगिक इकाइयों को माल की ढुलाई का काम आसान हो जाएगा। कॉरिडोर विभिन्न उद्योगों को बुनियादी ढांचा प्रदान करेंगे और लोगों के लिए रोजगार की संभावनाओं के द्वार भी खोलेंगे। अभी इंडस्ट्रियल कॉरिडोर परियोजना का बजट 3,500 करोड़ रुपए आंका गया है। हर गलियारे के लिए शुरुआती चरण में किसानों से 100-100 एकड़ जमीन की खरीद होगी। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण को जल्दी से जल्दी जमीन का इंतजाम करने को कहा गया है। लखनऊ के कासिमपुर विरूहा, बाराबंकी के बम्हरौली, सुल्तानपुर के कारेबान, आजमगढ़ के खुदचंदा और गाजीपुर के चकजमरिया में इंडस्ट्रियल गलियारा विकसित किया जाएगा।
इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाने की शुरुआत लखनऊ से ही होगी। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के किनारे पहला इंडस्ट्रियल कॉरिडोर जालौन में और दूसरा बांदा में विकसित होगा। इस फैसले के पीछे पहले से मौजूद लॉजिस्टिक और बुनियादी ढांचे का मौजूद होना बताया गया है।