बिहार के
पूर्वी चंपारण में रक्सौल से गिरफ्तार नेपाली नागरिक और जाली नोटों के तस्कर असलम
उर्फ गुलटेन ने पूछताछ के दौरान कई अहम खुलासे किए हैं। इस अंतर्राष्ट्रीय तस्कर ने
अपना सिंडिकेट भारत के कई राज्यों में फैला रखा था। इस गिरोह को भारतीय जाली नोट
की आपूर्ति एक पाकिस्तानी नागरिक सैयद मोहम्मद शफी काठमांडू में करता था। जहां से
गिरोह के सदस्य इन नोटों को नेपाल के बारा जिले के जीतपुर लाते थे। वहां से धीरे-धीरे
इन नोटों को अन्य रास्तों से भारत के कई राज्यों में पहुंचाया जाता था। असलम को 31
जुलाई को गिरफ्तार किया गया था।
पुलिस
को दी गयी जानकारी के बाद एनआईए की टीम ने देश के अन्य राज्यों में फैले इस
सिंडिकेट के अन्य सदस्यों की तलाश शुरू कर दी है। नेपाल के पर्सा जिले के इनरवा
गांव निवासी असलम ने पूछताछ में बताया कि नेपाल इनका शेफ जोन है। उनके गिरोह में
बिहार के अलावा बंगाल, उत्तर प्रदेश, दिल्ली,
हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड
और महाराष्ट्र के लोग भी शामिल हैं। वहीं जाली नोट के मुख्य आपूर्त्तिकर्ता शफी का
नेटवर्क भारत, नेपाल, बांग्लादेश, म्यांमार और खाड़ी के कई देशों तक है। इनका मुख्य उद्देश्य भारतीय मुद्रा
का अवमूल्यन व यहां की अर्थव्यवस्था को चौपट करना है।
असलम ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि पाकिस्तानी शफी पहले
नेपाली नागरिक मोहम्मद अली अख्तर अंसारी को जाली नोट की आपूर्ति करता था और वह भी
पहले अख्तर के साथ ही जाली नोटों का धंधा करता था। लेकिन सितंबर 2015 में अली की गिरफ्तारी के बाद नेपाल और भारत में फैले इस सिंडिकेट की पूरी
कमान उसके पास आ गई।