आजमगढ़ में 11वीं की छात्रा श्रेया तिवारी की मौत मामले में स्कूल के प्रिंसिपल और क्लास टीचर को जमानत मिल गई है। कोर्ट के आदेश के बाद जिला जेल से दोनों आरोपियों को गुरुवार को रिहा कर दिया जाएगा। इस मामले में प्रिंसिपल और क्लास टीचर के विरुद्ध पुलिस ने धारा 306 और 201 के तहत मामला दर्ज किया था। इसके बाद दोनों आरोपियों को CJM कोर्ट में साक्ष्य के साथ पेश किया गया था।
CJM कोर्ट ने पहले सक्षय के आधार पर जमानत याचिका खारिज करते हुए दोनों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था। दोनों आरोपियों कि बेल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में लगी थी। मिली जानकारी के अनुसार बुधवार को CJM कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में प्रिंसिपल और क्लास टीचर को जमानत दे दी। अब गुरुवार सुबह दोनों को छोड़ दिया जाएगा। उधर, छात्रा की मौत के बाद चल रहे हंगामा के बीच जिला प्रशासन के निर्देशन में जिला विद्यालय निरीक्षक, अल्पसंख्यक अधिकारी, जिला अधिकारी और एक इंजीनियर की नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम ने स्कूल की मान्यता, बिल्डिंग स्ट्रक्चर और घटना के संबंध में जांच की।
टीम ने किया परीक्षण
इस जांच कमेटी में शामिल DIOS मनोज मिश्रा ने मीडिया को जानकारी दी कि जिला प्रशासन और अपने वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश पर हम लोग यह देखने गए थे कि स्कूल में सुरक्षा के मानक विभागीय नियमों के तहत हैं या नहीं? स्कूल में इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ा एक लापरवाही का मामला मिला है। दूसरा यह कि स्कूल में बच्चों के साथ बर्ताव को लेकर भी टीम ने परीक्षण किया। इसमें 4 सदस्य टीम गठित की गई थी। हमारी टीम ने स्कूल प्रबंधन से कागज मांगे हैं। गुरुवार तक हम निष्कर्ष पर पहुंचने का प्रयास करेंगे।
आपको बात दें इस टीम में एक मजिस्ट्रेट हैं। एक इंजीनियर हैं। एक महिला अफसर भी शामिल हैं। सिधारी थाना अंतर्गत एक बालिका विद्यालय में 11वीं की छात्रा श्रेया की मौत के बाद जिला आजमगढ़ चर्चाओं में बना है। मृतका के पिता और माता ने प्रिंसिपल और क्लास टीचर पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया था। प्रिंसिपल और क्लास टीचर को जेल भी संबंधित धाराओं में भेजा गया था। इसके बाद पूरे प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थानों ने एक दिन का विद्यालय भी बंद किया था।