लखनऊ- अगस्त महीने में भी एक सप्ताह से अधिक समय बीत गया है, लेकिन कई जिलों में अभी भी सूखे जैसी स्थिति बनी हुई है। उत्तर प्रदेश में 22 जिले ऐसे हैं, जहां पर औसत से अधिक बारिश हुई है, जबकि मऊ, देवरिया, मीरजापुर और कौशाम्बी जैसे जिलों में औसत से पचास प्रतिशत कम बारिश हुई है, इससे किसानों की समस्या बढ़ गयी है।
मौसम विभाग के नौ अगस्त के आंकड़ों के अनुसार पूरे प्रदेश में 12 प्रतिशत कम बारिश हुई है। अम्बेडकरनगर में 30 प्रतिशत, अमेठी में 22, अयोध्या में 24, आजमगढ़ में 47, बहराइच में 27, बलिया में 36, बलरामपुर में 18, बस्ती में 52, मीरजापुर में 59 तथा भदोही में 64 प्रतिशत कम बारिश हुई है। वहीं चंदौली में 59 प्रतिशत, देवरिया में 58, फर्रूखाबाद में 8, फतेहपुर में 33, गाजीपुर में 30 तथा गोंडा में 35 प्रतिशत कम बारिश हुई है।
वहीं कानपुर शहर, बिजनौर, इटावा, फिरोजाबाद, गाजियाबाद, जालौन, झांसी, महोबा, कासगंज, ललितपुर, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर आदि जिलों में औसत से ज्यादा बारिश हुई है। पूर्वांचल के अधिकांश जिलों में कम बारिश के कारण किसानों को काफी परेशानी हो रही है। विशेषकर धान के किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
सुलतानपुर के प्रगतिशील किसान राम कीरत मिश्र का कहना है कि वर्तमान में स्थिति यह है कि हमारा जिला सूखाग्रस्त भी नहीं घोषित हो सकता और किसान सूखे से प्रभावित भी हैं। यहां अबतक 16 प्रतिशत कम बारिश हुई है, लेकिन पहले बहुत ज्यादा कम बारिश के कारण यहां धान की खेती पहले ही प्रभावित हो गयी। वहीं गाजीपुर के प्रगतिशील किसान पंकज राय का कहना है कि तीन वर्षों से बारिश लगातार धोखा दे रही है। इससे खेती काफी प्रभावित हो रही है। समय से बारिश न होकर कभी अंत में तो कभी शुरू में ही ज्यादा बारिश हो जाती है। इस साल तो धान के लिए अब तक बहुत कम बारिश होने के कारण फसल बर्बाद होने के कगार पर है।