लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) अपने विकास क्षेत्र में आने वाली अनियोजित कॉलोनियों के अधूरे काम पूरा करवाने के साथ ही ले-आउट और मानचित्र की सुविधा शुरू कर सकता है। इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर मंजूरी के लिए शासन को भेजा गया है। प्रस्ताव के मुताबिक कॉलोनी में 12 मीटर या कम से कम 9 मीटर चौड़ी सड़क होनी चाहिए। पार्क और खुली जगह मानकों के मुताबिक न होने पर भवन स्वामियों से जमीन के 10 फीसदी हिस्से पर डीएम सर्किल रेट के मुताविक संग्रहित शुल्क वसूला जाएगा।
शुल्क लेकर करेगा LDA विकास
लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) की तरफ से शासन को भेजे गए प्रस्ताव में सबसे अहम बिंदु कॉलोनियों में विकास कार्य को लेकर बजट के इंतजाम को लेकर है। इसमें वाह्य विकास शुल्क, निरीक्षण शुल्क, लेबर सेस, बंधा शुल्क और उप विभाजन शुल्क समेत ले-आउट के लिए जरूरी विकास शुल्क की गणना शामिल है। यह रकम कॉलोनी के सभी प्लॉटों पर क्षेत्रफल के मुताबिक लोड की जाएगी। कुल रकम का 75 फीसदी शुल्क एलडीए में जमा होने के बाद कॉलोनियों में विकास कार्य करवाए जाएंगे। इसके बाद ले-आउट स्वीकृत कर मानचित्र पास करने की कवायद शुरू होगी।
इसलिए बढ़ रही हैं अनियोजित कालोनियाँ
आवास विभाग के तमाम दावों के इतर सच्चाई यह है कि लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) और आवास विकास शहर की आवासीय जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। बड़ा तबका अपनी आमदनी के मुताबिक सस्ते आशियाने की आस में ऐसी जगह पर प्लॉट खरीद लेता है, जिसका न तो ले आउट पास होता है और न ही वहां मकान का मानचित्र पास हो सकता है। लखनऊ विस्तारित क्षेत्र के तहत कई ब्लॉकों को LDA में मिलाने का प्रस्ताव शासन को भेजे जाने के बाद ऐसी अनियोजित कॉलोनियों की संख्या तेजी से बढ़ी है। LDA के सर्वे के मुताबिक लखनऊ में ऐसी 242 अवैध या अनियोजित कॉलोनियां हैं।