वाराणसी- प्रख्यात तबला वादक और बनारस घराने की शान पंडित पुंडलिक कृष्ण भागवत का हृदयाघात से निधन हो गया। वो 61 वर्ष के थे। पंडित पुंडलिक भागवत के निधन की जानकारी मिलते ही संगीत जगत में शोक की लहर दौड़ गई। लोग बड़ी संख्या में उनके आवास पर शोक जताने पहुंचे।
संगीत एवं मंच कला संकाय काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के वरिष्ठ तबला वादक पुंडलिक कृष्ण भागवत ने शुक्रवार शाम पुंडलिक रामरंग संगीत समारोह में पूरे तीन घंटे तक अपनी प्रस्तुति भी दी थी। पं पुंडलिक भागवत निजी स्कूल सहित सिडबी एवं स्पिक मैके की पांच दिवसीय कार्यशाला में बच्चों को तबला वादन भी सिखा रहे थे।
पंडित जी के निधन पर लोग सोशल मीडिया में भी उनसे जुड़ी स्मृतियों को साझा कर अपनी श्रद्धांजलि दे रहे हैं। शिष्य और युवा तबला वादक विवेक जैन ने श्रद्धांजलि देते हुए लिखा है कि कर्म और साधना को अपने जीवन का मूल मंत्र बनाने वाले, अपनी अथक कला साधना और कठोर परिश्रम के बल पर अपने प्रतिद्वंदियों के बीच संगीत जगत में अपनी खासी पहचान बनाने वाले ऐसे महान तपस्वी बनारस घराने के सिर मौर, शीर्षस्थ तबला वादक, मेरे गुरुजी पंडित पुंडलिक कृष्ण भागवत आज हम सभी को छोड़ के चले गए। गुरुजी के आकस्मिक निधन के हृदय विदारक समाचार से हम सभी शिष्यगण आहत हैं, निःशब्द हैं। देह रूप में भले ही गुरुजी अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन अपने ओजपूर्ण तबला वादन के माध्यम से बनारस बाज के एक ज्योति स्तंभ के रूप गुरुजी चिरकाल तक हम शिष्यों का और आगे आने वाली भावी युवा पीढ़ी का मार्ग प्रशस्त करते रहेंगे।
पुंडलिक कृष्ण भागवत का जन्म नवंबर 1962 में हुआ था। 4 साल की उम्र से ही तबला वादन कर रहे थे। प्रख्यात तबला वादक आशुतोष भट्टाचार्य के शिष्य लक्ष्मीकांत नाईक से उन्होंने तबला वादन सीखा था।