गाजियाबाद- सांसद एवं केंद्रीय मंत्री जनरल डॉ. विजय कुमार सिंह ने रविवार को आजादी के पूर्व भारत विभाजन के दर्द, छिन्न-भिन्न हुई भारत की अखंडता और भारत के लोगों पर हुए अन्याय की यादों को प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर ताजा किया। उन्होंने कहा कि देश विभाजन के दर्द को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है।
भाजपा महानगर कार्यालय में आयोजित इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में वीके सिंह ने पत्रकारों को बताया कि हम भारतीयों को भारत विभाजन के दिन को याद रखने की जरूरत है, क्योंकि हमारी लाखों बहनें और भाई विस्थापित हो गए थे और कई लोगों ने बेवजह नफरत के कारण अपनी जान गंवा दी थी। उन्हें विभाजन के दौरान यातना पूर्ण व्यवहार और हिंसा का सामना करना पड़ा था। इसलिए 14 अगस्त को हम विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाएंगे।
उन्होंने कहा कि आज भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र बनने की दिशा में आगे बढ़ गया है, लेकिन फिर भी देश के विभाजन के दर्द को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है। विभाजन का दर्द और उस दौरान हुई हिंसा देश की स्मृति में गहराई से अंकित है। विभाजन और इसके कारण उत्पन्न हुई परिस्थितियां जैसे तुष्टीकरण की राजनीति, विभाजनकारी ताकतों के विचारों को हावी होने देना और लोगों को नुकसान पहुंचाने वाली सोच के साथ खड़ा होना, ऐसी स्थिति फिर कभी नहीं होनी चाहिए।
श्री सिंह ने कहा कि विभाजन को एक सबक के रूप में लेना चाहिए ताकि भारत ”अतीत की गलतियों” को न दोहराए और देश तुष्टीकरण” का रास्ता न अपनाए, खासकर जब हमारे पड़ोस में अस्थिरता पहले से कहीं अधिक बढ़ गई हो। पिछले 75 वर्षों से हम उन लाखों पुरुषों और महिलाओं को याद किए बिना आजादी का जश्न मना रहे थे, जिन्होंने अप्रिय और अव्यवस्थित विभाजन के दौरान अपनी जान गंवाई थी।
राज्यमंत्री ने कहा कि पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के साथ, अब 15 अगस्त को होने वाले भविष्य के आयोजनों में नरसंहार के पीड़ितों की स्मृतियाँ सदैव सभी भारतीयों के मन-मस्तिष्क में विद्यमान होंगी। नोबेल पुरस्कार विजेता एली विज़ेल ने एक बार यहूदी नरसंहार को लेकर कहा था, “अगर हम मृतकों को भूल जाएंगे तो वे एक बार पुनः मारे जाएंगे और वर्तमान के पीड़ित बन जाएंगे, अर्थात मरे हुए लोगों को भूल जाना उन्हें दूसरी बार मारने के समान होगा।”
इसके साथ ही वीके सिंह के पीएम नरेंद्र मोदी की मुहिम ”हर घर तिरंगा” के तहत लगाने के लिए कार्यकर्ताओं को तिरंगे वितरित किए।