कानपुर- दक्षिण पश्चिम मानसून की ट्रफ रेखा उत्तर प्रदेश में कमजोर हो रही है और तेज बारिश की संभावना नहीं है। वहीं दक्षिण पश्चिम हवाओं के चलने से गोरखपुर से लेकर लखीमपुर खीरी तक ऐसी लाइन बन गई है जहां पर मेघ गर्जना के साथ बादलों की आवाजाही बनी रहेगी। इस क्षेत्र में सिर्फ बूंदाबांदी की ही संभावना है और अन्य क्षेत्र में बारिश के आसार नहीं है।
चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एस एन सुनील पाण्डेय ने रविवार को बताया कि औसत समुद्र तल पर मानसून ट्रफ अमृतसर, चंडीगढ़, देहरादून, गोरखपुर, दरभंगा, बालुरघाट और फिर पूर्व की ओर मणिपुर की तरफ जा रही है। उत्तर-पूर्व उत्तर प्रदेश और इससे सटे उत्तर-पश्चिमी बिहार पर चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है। पश्चिमी विक्षोभ को मध्य क्षोभ मंडल में एक निम्न दबाव की रेखा के रूप में देखा जाता है, जिसकी धुरी समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर है, लगभग 68 डिग्री पूर्व अक्षांश और 30 डिग्री उत्तर अक्षांश के उत्तर में है। एक ट्रफ रेखा पूर्वी बिहार से पश्चिम बंगाल होते हुए उत्तर पश्चिमी बंगाल की खाड़ी तक फैली हुई है। गुजरात के ऊपर समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है। एक और चक्रवाती परिसंचरण आंध्र प्रदेश तट से दूर पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर समुद्र तल से 4.5 और 5.8 किलोमीटर ऊपर है। एक ट्रफ रेखा दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक से लेकर तमिलनाडु से गुजरते हुए कोमोरिन क्षेत्र तक फैली हुई है। इससे उत्तर प्रदेश में मानसून सक्रिय नहीं हो रहा है और गोरखपुर से लेकर अयोध्या, लखनऊ और लखीमपुर खीरी तक मेघ गर्जना होगी।