भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) इतिहास रचने के लिए तैयार है। चाँद की तरफ इसरो ने एक कदम और छलांग लगा दी है। ISRO ने आज 14 अगस्त को तीसरी बार चंद्रयान-3 की ऑर्बिट घटाई है। अब चंद्रयान 150 Km x 177 Km की ऑर्बिट में आ गया है। यानी चंद्रयान-3 चंद्रमा की ऐसी कक्षा में घूम रहा है, जिसमें उसकी चांद से सबसे कम दूरी 150 Km और सबसे ज्यादा दूरी 177 Km है। ऑर्बिट घटाने के लिए यान के इंजन कुछ देर चालू किए गए।
इसके साथ ही अब चंद्रयान का कक्षा वृत्ताकारीकरण चरण शुरू हो गया है। इसमे चंद्रयान अंडाकार कक्षा से गोलाकार कक्षा में आना शुरू हो गया है। ISRO अब 16 अगस्त को सुबह 08:30 बजे अगला कदम की ओर छलांग लगाएगा। इसमें ISRO के बेंगलुरु स्थित मुख्यालय से वैज्ञानिक चंद्रयान के थ्रस्टर फायर कर उसे 100 Km X 100 Km की गोलाकार कक्षा में लाएंगे।
वहीं आज से थीक तीन दिन बाद 17 अगस्त का दिन चंद्रयान के लिए काफी अहम दिन माना जा रहा है। इस दिन ISRO चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल को लैंडर से अलग करेगा। फिर 23 अगस्त को शाम करीब 05:30 बजे लैंडर चांद की सतह पर लैंड करेगा। इससे पहले 9 अगस्त को चंद्रयान की ऑर्बिट घटाई गई थी, जिसके बाद ये 174 Km x 1437 Km की ऑर्बिट में आ गया था।
5 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में पहुंचा था चंद्रयान
ISRO के श्रीहरिकोटा बेस से उड़ने के 22 दिनों के लंबे सफर के बाद चंद्र यान ने 05 अगस्त को शाम में चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था। तब यान चंद्रमा की ग्रैविटी में कैप्चर हो सके, इसके लिए उसकी गति कम की गई थी। गति कम करने के लिए ISRO वैज्ञानिकों ने यान के फेस को पलटकर थ्रस्टर 1835 सेकेंड यानी करीब आधे घंटे के लिए फायर किए। ये फायरिंग शाम 7:12 बजे शुरू की गई थी।