हर घर तिरंगा अभियान से जुड़कर राष्ट्रप्रेम से लबरेज भारतीय देश भर में आजादी का अमृत महोत्सव और धूमधाम से मना रहे हैं। उत्तर प्रदेश में आज 14 अगस्त को भारत के विभाजन की स्मृति में भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के कारण लाखों लोगों ने जो दंश झेला उसे याद करते हुए युवा पीढ़ी को जागरूक करने के लिए ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ का आयोजन किया गया। लखनऊ स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक समेत उत्तर प्रदेश सरकार के एक दर्जन से ज्यादा मंत्री शामिल हुए और सभी ने भारत विभाजन के दौरान दंश झेलने वाले बलिदानियों को श्रद्धांजलि दी।
विभाजन एक त्रासदीपूर्ण निर्णय था
सीएम योगी ने कार्यक्रम में विभाजन के हालात पर की चर्चा की। उन्होंने कहा ‘कुछ लोगों ने अपने स्वार्थ को राष्ट्र से ऊपर रखकर इस देश को विभाजन की त्रासदी की ओर ढकेला था, ये केवल राजनीतिक या जमीन के टुकड़ों का विभाजन नहीं था, बल्कि ये मानवता के दो दिलों के विभाजन का एक त्रासदीपूर्ण निर्णय था, जिसकी कीमत आज के ही दिन 1947 में लाखों लोगों को चुकानी पड़ी थी।’ यह बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर श्रद्धांजलि सभा में कहीं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चर्चा करते हुए कहा कि, ‘इतिहास को विस्मृत करके कोई भी समाज आगे नहीं बढ़ सकता, इसीलिए आज हमारा संकल्प होना चाहिए कि मेरा व्यक्तिगत स्वार्थ, मेरे परिवार, मेरी जाति, मेरे मत, मजहब, क्षेत्र और भाषा का स्वार्थ कभी भी मेरे राष्ट्र से ऊपर नहीं हो सकता।’
बांग्लादेश कभी भारत का टेक्सटाइल हब हुआ करता था
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा, ‘आश्चर्य होता है जब 1947 में देश का विभाजन होना ही था तो फिर पाकिस्तान और बांग्लादेश से भारत में आज भी घुसपैठ क्यों हो रही है, अगर उन्हें पाकिस्तान ही उतना प्यारा था तो उन्हें उस पाकिस्तान की समृद्धि और मानवता के कल्याण और समृद्धि के लिए वहीं से नया संदेश पूरी दुनिया को देना चाहिए था।’ पाकिस्तान की दुर्गति किसी से छिपी नहीं है, ऐसा नहीं है कि उनके पास उर्वरा भूमि नहीं है।’ उन्होंने कहा कि बंगाल की भूमि कला और साहित्य के लिए जानी जाती है, आज का बांग्लादेश कभी भारत का टेक्सटाइल हब हुआ करता था, जो लोग सोचते हैं कि मजहब के आधार पर वे सुरक्षित हो जाएंगे, तो पूर्वी और पश्चिमी पाकिस्तान भी एक ही मजहब वाले थे।
किसी को पद चाहिए था किसी को प्रतिष्ठा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अगर 1947 में भारत अपनी आजादी के जश्न को अखंड भारत के रूप में मनाता तो आज दुनिया के लिए इसे महाशक्ति बनने में देर नहीं लगती, मगर जिन्हें भारत की इस ताकत से परेशानी थी, उन्होंने भारत का विभाजन किया, किसी को पद चाहिए था किसी को प्रतिष्ठा चाहिए थी, यह तिथि हमें नई प्रेरणा देती है।