चंद्रयान 3 के ऑर्बिट बदलने का आखिरी चरण आज पूरा हो गया है। चंद्रयान चाँद की 5वीं कक्षा में पहुँच गया है। बुधवार को ट्वीट करके इसरो ने इसकी जानकारी दी। इसके साथ ही अब चंद्रयान 153km x 163km की ऑर्बिट है। अब चंद्रयान का कोई ऑर्बिट नहीं बदला जाएगा। बात दें आज बुधवार 16 अगस्त की सुबह करीब 8.38 बजे चंद्रयान का इंजन एक मिनट के लिए शुरू किया गया, जिसके बाद उसकी ऑर्बिट बदल दी गई। इससे पहले चंद्रयान 150kmx177km की ऑर्बिट में था।
बात दें कि 5 अगस्त को चंद्रयान-3 चांद की पहली कक्षा में पहुंचा था। इसी दिन चंद्रयान ने चांद की पहली तस्वीरें जारी की थीं। उसके बाद अब तक इसकी चार बार कक्षा बदली जा चुकी है। अब 17 अगस्त को चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन और लैंडर मॉड्यूल एक दूसरे से अलग होंगे। इसी दिन दोनों मॉड्यूल चंद्रमा के चारों तरफ 100 km x 100 km की गोलाकार ऑर्बिट में होंगे। 18 अगस्त की दोपहर में लैंडर मॉड्यूल की डीऑर्बिटिंग होगी। यानी उसकी कक्षा की ऊंचाई में कमी लाई जाएगी।
वहीं 20 अगस्त को डीर रात चंद्रयान के लैंडर मॉड्यूल की डीऑर्बिटिंग होगी। 23 अगस्त को लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरेगा।सबकुछ सही रहेगा तो पौने छह बजे के करीब लैंडर चांद की सतह पर लैंडिंग करेगा। ISRO के बेंगलुरु सेंटर से लगातार चंद्रयान-3 पर नजर रखी जा रही है। जानकारी दी गई है कि फिलहाल चंद्रयान-3 के सभी यंत्र सही तरीके से काम कर रहे हैं।