पीलीभीत- मंगलवार शाम को खेत में कीटनाशक का छिड़काव कर रहे किसान को बाघ उठा ले गया। बुधवार सुबह सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण किसान को खोजते हुए जंगल में पहुंचे तो बाघ किसान के शव को मुंह में दबाए बैठा दिखाई दिया। कड़ी मशक्कत के बाद ग्रामीणों ने बाघ के चुंगल से शव को छुड़ाया और जंगल के बाहर लेकर आए। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
माधोटांडा क्षेत्र के गांव रानीगंज निवासी राममूर्ति 58 मंगलवार को अपने बेटे के साथ जंगल से सटे खेत में दवाई का छिड़काव करने गए थे। बेटा चंद्रपाल छिड़काव के बाद घर चला आया। राममूर्ति खेत पर ही रखवाली के लिए रुक गए। जब देर रात तक घर नहीं पहुंचने पर परिजन खेत पर पहुंचे तो मौजूद नहीं दिखाई दिए।
बुधवार तड़के ग्रामीणों ने एकत्र होकर पहले खेत के पास खोज की। इसके बाद जंगल की ओर पहुंचे। जहां 300 मीटर आगे बाघ राममूर्ति के शव को मुंह में दबकर बैठा दिखाई दिया। इसके बाद शोर शराबा करने पर बाघ शव को छोड़कर भाग गया। इसके बाद ग्रामीण शव को जंगल सीमा से बाहर लेकर आए।
सूचना पर थाना प्रभारी अचल कुमार मौके पर पहुंच गए। उन्होंने ग्रामीणों को समझाकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। ग्रामीणों का आरोप है कि क्षेत्र में डेढ़ माह के अंदर बाघ हमले की दूसरी घटना हो चुकी है। वन विभाग की ओर से जाल फेंसिंग का दावा किया गया था, लेकिन धरातल पर इसका कोई असर दिखाई नहीं दे रहा है।