चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल से विक्रम
लैंडर सफलतापूर्वक अलग हो गया है। अब पौने
चार लाख किलोमीटर की यात्रा में से बची हुई सौ किलोमीटर की यात्रा विक्रम लैंडर को
खुद ही करनी है। चंद्रमा के चारों ओर दो बार चक्कर लगाते हुए उसे अपनी ऊंचाई और
गति कम करनी है। इसके बाद 23 अगस्त की शाम को विक्रम लैंडर चांद की सतह पर उतर
जाएगा।
अब 18 और 20
अगस्त को होने वाले डीऑर्बिटिंग के जरिए विक्रम लैंडर को 30 किलोमीटर वाले
पेरील्यून और 100 किलोमीटर वाले एपोल्यून ऑर्बिट में डाला जाएगा। विक्रम लैंडर की अबतक
की यात्रा प्रोपल्शन मॉड्यूल ने पूरी कराई है। इसके बाद विक्रम को बाकी दूरी खुद
ही तय करनी है।