पीएम मोदी ने बंगलूरू में जी-20 डिजिटल अर्थव्यवस्था मंत्रियों की बैठक को वर्चुअली
संबोधित किया। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि आज भारत में 85 करोड़
से ज्यादा इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं, जो दुनिया में सबसे सस्ती डेटा लागत का आनंद ले
रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत का डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी
ढांचा,, वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए एक सुरक्षित और समावेशी समाधान पेश
करता है।
पीएम मोदी ने कहा कि हमने शासन को और अधिक
कुशल, समावेशी, तेज और पारदर्शी
बनाने के लिए तकनीक का लाभ उठाया है। उन्होंने कहा कि जन-धन खाते, आधार और मोबाइल फोन
ने वित्तीय लेनदेन में क्रांति ला दी है। पीएम ने कहा कि इंटरनेट के लिए 45
फीसदी से अधिक वैश्विक रियल टाइम भुगतान भारत में
होते हैं। कोविड पोर्टल ने भारत के टीकाकरण अभियान का समर्थन
किया और इसने 200 करोड़ लोगों तक
वैक्सीन पहुंचाने में मदद की। डायरेक्ट बेनिफिट
ट्रांसफर के तहत सरकार की योजनाओं का
लाभ लोगों तक पहुंचाने में मदद मिली और इसकी मदद से सरकार
ने 33 अरब डॉलर से ज्यादा की बचत की। हम ‘भाषिनी’ नाम का एक
एआई-संचालित भाषा अनुवाद प्लेटफॉर्म बना रहे हैं। यह भारत में सभी
विविध भाषाओं में डिजिटल समावेशन का समर्थन करेगा। पीएम
मोदी ने कहा कि डिजिटल कौशल की क्रॉस कंट्री तुलना की
सुविधा के लिए रोडमैप विकसित करने के आपके प्रयासों का स्वागत है।
प्रधानमंत्री ने बैठक में मौजूद प्रतिनिधियों से कहा कि भारत
दुनिया के साथ अपने अनुभव साझा करने के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि
कोई पीछे नहीं छूटे यह सुनिश्चित करने के लिए देश ने ऑनलाइन एकीकृत डिजिटल
बुनियादी ढांचा ‘इंडिया स्टैक्स’ बनाया है। उन्होंने डिजिटल सुरक्षा संबंधी
चुनौतियों के प्रति जी-20 प्रतिनिधियों को आगाह करते हुए
सुरक्षित, विश्वसनीय और लचीली डिजिटल
अर्थव्यवस्था के लिए जी-20 उच्च स्तरीय सिद्धांतों पर सर्वसम्मति बनाने की जरूरत पर जोर
दिया।