यूपी सरकार छोटे शहरों के सुनियोजित विकास के साथ ही वहां के नागरिकों को बड़े शहर की तर्ज पर सुविधाएं देगी। इसके लिए 50 हजार से एक लाख की आबादी वाले शहरों के लिए भी मास्टर प्लान बनेगा। इनमें वह शहर शामिल किए जायेंगे जहां विकास प्राधिकरण नहीं है।
उत्तर प्रदेश सरकार बड़े शहरों में बढ़ती आबादी के दबाव को कम करने के लिए छोटे शहरों में भी बड़े शहरों जैसी ही सुविधा मुहैया कराना चाहती है। इसके लिए पिछले दिनों तमाम छोटे आबादी वाले कस्बे और बाजारों को नगर निकाय का दर्जा दिया गया है। यूपी सरकार छोटे शहरों में भी सुनियोजित विकास को बढ़ावा देकर बड़े शहरों की आबादी को कम करने की योजना पर काम कर रही है।
उत्तर प्रदेश सरकार का मानना है कि यदि नजदीकी शहर में बड़े शहरों की तरह सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा, आवासीय सुविधा मुहैया कराया जाए तो गांवों से शहर की ओर होने वाले पलायन को रोकने में मदद मिल सकती है। इसके लिए सरकार अमृत-02 के पहले चरण में 25 निकाय क्षेत्रों के लिए मास्टर प्लान तैयार करेगी। इसके बाद चरणबद्ध तरीके से दूसरे शहर के लिए भी मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा।
इन शहरों हरदोई, जौनपुर, एटा, बलरामपुर, श्रावस्ती, महराजगंज, घोसी, महोबा, रॉबर्ट्सगंज, जगदीशपुर, देवरिया, अमेठी, सुल्तानपुर, टांडा, संभल, अमरोहा, चंदौसी, इटावा, गाजीपुर, मैनपुरी, सीतापुर, बिजनौर, शाहजहांपुर और बदायूं में पहले चरण में मास्टर प्लान बनाया जाएगा।