लीबिया में सशस्त्र समूह द्वारा बंदी
बनाए गए 17 भारतीयों को
विदेश मंत्रालय की लगातार कोशिशों के बाद भारत वापस लाया गया है। रविवार को दिल्ली
पहुंचे सभी 17 लोग पंजाब और हरियाणा के रहने वाले हैं। इन भारतीयों को वापस भारत लाने में ट्यूनिस में भारतीय दूतावास ने अहम
भूमिका निभाई है।
जानकारी के मुताबिक इन भारतीयों को लीबिया में तस्करी कर लाया गया था और
उन्हें यहां के ज्वारा शहर में एक सशस्त्र समूह द्वारा बंदी बनाया गया था। इस
मामले में भारतीय दूतावास लगातार लीबिया के अधिकारियों के संपर्क में था। लीबिया के अधिकारी 13 जून को इन सभी भारतीयों को सुरक्षापूर्वक बाहर निकालने में कामयाब रहे थे, लेकिन इन्हें कस्टडी में ही रखा गया था। बाद में भारतीय दूतावास और विदेश
मंत्रालय के उच्च स्तरीय हस्तक्षेप के बाद लीबिया के अधिकारी भारतीयों को छोड़ने
के लिए राजी हुए। लीबिया में रहने के दौरान भारतीय
दूतावास ने वहां फंसे लोगों की जरूरतों का पूरा ध्यान रखा। उनके लिए खाने-पीने की चीजों, दवाईयों और कपड़ों का इंतजाम तक किया। पासपोर्ट न होने के कारण दूतावास ने
आपातकालीन प्रमाणपत्र बनाकर उन्हें भारत पहुंचाने में पूरा सहयोग दिया। भारतीय
दूतावास ने उनके टिकट का भी खर्च उठाया। बता दें कि यह मामला ट्यूनिस में भारतीय दूतावास के पास तब आया, जब 26 मई को लीबिया में फंसे
भारतीय नागरिकों के परिजनों ने उनसे बात की थी।