मिर्ज़ापुर- अभूतपूर्व प्रशासनिक क्षमता और भक्ति से ओतप्रोत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश को धार्मिक पर्यटन का केंद्र बनाने की तैयारी में हैं। धार्मिक पर्यटन विकास की कड़ी में आदिशक्ति जगत जननी मां विंध्यवासिनी धाम भी है। जगविख्यात विंध्यधाम के सौंदर्यीकरण के लिए काशी विश्वनाथ काॅरिडोर की तर्ज पर विंध्य काॅरिडोर निर्माणाधीन है।
खास बात यह है कि विंध्य काॅरिडोर मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है। ऐसे में विंध्य काॅरिडोर से एक और नया अध्याय जुड़ गया है। विंध्य पर्वत व गंगा के मिलन स्थल पर विराजमान मां विंध्यवासिनी धाम की राह श्रद्धालुओं के लिए काफी सुगम होगी। विंध्याचल रेलवे स्टेशन से बाहर निकलते ही 40 फीट चौड़ा मार्ग सुखद अहसास कराएगा और सुविधाजनक होगा। यही नहीं, कुछ ही दूर चलकर श्रद्धालु पुराने मार्ग से विंध्य काॅरिडोर में प्रवेश कर जाएंगे। इससे आस्था की डगर पर श्रद्धालुओं की राह आसान होगी ही, विंध्यधाम दुनिया का पहला धार्मिक स्थल होगा जो जल मार्ग, सड़क मार्ग व हवाई मार्ग से जुड़ा होगा। शायद ही ऐसा धार्मिक स्थल कहीं और देखने को मिले।
प्रदेश के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि विंध्यधाम को भव्य-नव्य स्वरूप प्रदान करने के लिए निर्माणाधीन विंध्य काॅरिडोर पर योगी सरकार 331 करोड़ रुपये खर्च करेगी। विंध्यवासिनी मंदिर के चारों तरफ दो मंजिला परिक्रमा पथ के साथ पक्का घाट, कोतवाली गली, न्यू वीआईपी व पुरानी वीआईपी मार्ग का सौंदर्यीकरण लगभग पूर्णता की ओर है। अब विंध्य काॅरिडोर को विंध्याचल रेलवे स्टेशन से जोड़ने की योजना है। इससे रेलवे स्टेशन विंध्याचल से विंध्यवासिनी मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं को लंबी दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी। रेलवे स्टेशन से पुरानी वीआईपी मार्ग तक जाने वाले संपर्क मार्ग को 40 फीट चौड़ा किया जाएगा। इसके लिए शासन से भूमि क्रय के लिए प्रथम किश्त के तौर पर 15 करोड़ रुपये अवमुक्त किए जा चुके हैं। भूमि क्रय पर कुल 24 करोड़ 27 लाख 41 हजार 120 रुपये खर्च होंगे। सड़क निर्माण के लिए जल्द ही सहमति के साथ भूमि अधिग्रहण व निर्माण प्रक्रिया शुरू होगी।
श्रद्धालुओं को रिझाएगा मां विंध्यवासिनी का आंगन
रेलवे स्टेशन विंध्याचल से प्रशासनिक भवन होकर पुरानी वीआईपी मार्ग तक जाने वाले संपर्क मार्ग को 40 फीट चौड़ा किया जाएगा। इस मार्ग के निर्माण से विभिन्न क्षेत्रों
से ट्रेन के माध्यम से आने वाले श्रद्धालु रेलवे स्टेशन से सीधे मां विंध्यवासिनी के दरबार तक पहुंच सकेंगे। इसी प्रकार मंदिर में दर्शन के बाद ट्रेन पकड़ने के लिए यात्री सीधे रेलवे स्टेशन जा सकेंगे। इससे श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा, बल्कि वह मां विंध्यवासिनी के आंगन में अधिक समय बिता सकेंगे और रोमांचित धार्मिक यात्रा का अहसास करेंगे।