उत्तर प्रदेश में हत्या की साजिश के आरोप में डेढ़ दशक से ज्यादा सजा जेल में काट चुके अमर मणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि को जेल से रिहा किया जायेगा। दोनों कवयित्री मधुमिता हत्याकांड मामले में उम्र कैद की सजा गोरखपुर जेल में काट रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि राज्यपाल के समक्ष इसके संबंध में दया याचिका डाली गई थी। सूत्र बताते हैं कि धारा -161 के तहत उत्तर प्रदेश की राज्यपाल के सामने दोषियों की तरफ से रिहाई की गुहार लगाई गई थी। जिसे मंजूर कर लिया गया है।
अमर मणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधु मणि त्रिपाठी दोनों की रिहाई का आदेश आने के बाद कुछ औपचारिकताएं पूर्ण कर जेल प्रशासन की तरफ से तामील कर दिया जायेगा। जारी आदेशनुसार अमरमणि और मधुमणि को जिलाधिकारी गोरखपुर के समक्ष्य एक बांड भी भरना होगा। साथ ही रिहाई से पहले कुछ कानूनी औपचारिकताओं को भी पूरा करना होगा।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश शासन की तरफ से रिहाई का आदेश जारी हो चुका है। शासन ने ये निर्णय दोनों दम्पत्ति के अच्छे आचरण को देखते हुए लिया है। पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी व उनकी पत्नी मधुमणि को अब जल्द ही रिहा कर दिया जाएगा। दोनों उम्रकैद की सजा काट रहे थे। दोनों पिछले 20 वर्ष एक माह और 19 दिन से मधुमिता हत्या के आरोप में जेल में सजा काट रहे हैं।
क्या और कहाँ हुई थी घटना
मीडिया के मुताबिक बाहुबलि नेता के रुप में प्रसिद्ध अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी ने राजधानी लखनऊ की पेपर मिल कॉलोनी में 9 मई 2003 को कवयित्री मधुमिता की हत्या की घटना को अंजाम दिया। इस हत्याकांड के बाद देहरादून की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 24 अक्टूबर 2007 को अमरमणि, उनकी पत्नी मधुमणि, भतीजा रोहित चतुर्वेदी और शूटर संतोष राय को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। दोनों बीस वर्ष से अधिक समय से जेल में हैं। दोनों की आयु, जेल में बिताई गई सजा की अवधि और अच्छे जेल आचरण के दृष्टिगत बाकी बची हुई सजा को माफ कर दिया गया है।