चाँद पर सफलतम कदम रखने के बाद विश्व भर से भारत को बधाईयां मिली हैं। चाँद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला भारत विश्व में पहला वहीं चाँद पर उतरने वाला चौथा देश बन गया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ISRO के प्रमुख एस. सोमनाथ ने गुरुवार को बताया है कि चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान दोनों अच्छी तरह से काम कर रहे हैं और आगे भी हलचल होती रहेगी। हालांकि, उन्होंने इस मून मिशन में आने वाली आगे की चुनौतियों को लेकर भी अगाह किया है।
एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए ISRO प्रमुख ने जानकारी दी कि ‘चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान दोनों पूरी तरह से ठीक हैं और सब कुछ अच्छे से काम कर रहा है। आगे भी कई तरह की हलचल होती रहेगी। चूंकि, चांद पर वायु मंडल मौजूद नहीं है। ऐसे में कोई भी वस्तु चंद्रयान-3 को चोट कर सकती है। यानी टक्कर मार सकती है। इसके अलावा थर्मल प्रॉब्लम और कम्यूनिकेशन ब्लैकआउट की समस्या भी आ सकती है।’
चाँद पर वायुमंडल न होने से लैंडर और रोवर को खतरा
ISRO प्रमुख ने एस. सोमनाथ ने आगे बताया कि पृथ्वी की तरफ भी हर घंटे बहुत सारे उल्का पिंड आते हैं पर पृथ्वी पर वायुमंडल है और हमारा वायुमंडल उन सभी पिंडों को जला देता है। यदि कोई क्षुद्रग्रह या अन्य कोई अन्य वस्तु बहुत तेज गति से चंद्रयान-3 से टकराती है तो लैंडर और रोवर दोनों नष्ट हो जाएंगे। चंद्रमा की सतह को गौर से देखें तो सतह अंतरिक्ष पिंडों की निशानों से भड़ा पड़ा है।