मदुरै ट्रेन हादसे में अपनी जान गंवाने वालों के शवों और घायलों को विमान से लखनऊ लाया गया। इस हादसे में अपनों को खो चुके परिवारों को ढाढस बंधाने के लिए उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक उनके पास गए। मदुरै रेलवे स्टेशन के यार्ड पर खड़ी ट्रेन की बोगी में आग लगने से सीतापुर के पांच, लखनऊ के दो सहित नौ यात्रियों की मौत हो चुकी है और कई लोग घायल हैं।
रविवार को सभी घायलों और शवों को विमान से लखनऊ लाया गया। मृतकों के शवों को उनके परिजनों को सौंप दिया गया है। अपनी आंखों के सामने परिवार को खोने वाले यात्री रिश्तेदारों और अन्य परिजनों को देखकर भावुक होकर रोने लगे। इस बीच पहुंचे उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने पीड़ित परिवारों को सांत्वना दी। उन्होंने परिजनों से मिलकर इस घटना पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए भरोसा दिलाया कि दुख की इस घड़ी में राज्य सरकार उनके साथ खड़ी है। उन्होंने परिजनों को राज्य सरकार की ओर से दिए गए मुआवज़े का लिफाफा सौंपा। हादसे में जान गंवाने वालों में लखनऊ के चौक इलाके के मनोज अग्रवाल की मां मनोरमा अग्रवाल (81) व बेटी हिमानी बंसल (22) भी शामिल हैं। मां और बेटी की मौत से पूरा परिवार सदमे में है।
पिता ने बताया कि हिमानी बचपन से ही मेधावी थी। एमसीए करने के बाद वह नौकरी की तलाश में थी। सीतापुर के आदर्शनगर निवासी स्वयंसेवक शिव प्रताप सिंह ने इस हादसे में चार लोगों की जान बचाई है, लेकिन वे अपनी पत्नी और बहनोई को नहीं बचा सके। हादसे में ट्रैवेल एजेंसी संचालक हरीश कुमार भसीन की भी मौत हुई। इसके अलावा उनके दो कर्मचारी अंकुर कश्यप और दीपक कश्यप की भी जान गई है। सीतापुर के पांच लोगों की मौत हुई है। इस घटना के संबंध में जीआरपी ने यूपी के सीतापुर की भसीन टूर एण्ड ट्रैवेल एजेंसी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। जीआरपी के मुताबिक, इसी ट्रैवेल एजेंसी ने यात्रा के लिए एक कोच बुक किया था। 72 सीट वाले इस कोच में कुल 63 यात्री सवार थे। इनमें 38 से 60 उम्र के यात्री अधिक थे। सभी ने 17 अगस्त को यात्रा शुरू की थी। बता दें कि मदुरै रेलवे स्टेशन के यार्ड में खड़ी ट्रेन की एक बोगी में शनिवार को आग लग गई थी। इस हादसे में उत्तर प्रदेश के नौ लोगों की मौत हुई है। जांच में पाया गया कि गैस सिलेंडर के चलते यह हादसा हुआ है। अब इसको लेकर जीआरपी ने जांच शुरू कर दी है।