सावन के आखिरी सोमवार पर काशी विश्वनाथ मंदिर में जलाभिषेक और दर्शन-पूजन के लिए आए कांवड़ियो पर पुष्पवर्षा की गई। मंदिर के अंदर और बाहर कतारबद्ध शिवभक्तों पर शहर की दक्षिणी सीट से विधायक डॉ नीलकंठ तिवारी और मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा के नेतृत्व में अफसरों और विशिष्ट जनों ने कतारबद्ध शिवभक्तों पर गुलाब की पंखुड़ियां बरसाई। बाबा के दरबार में भव्य स्वागत-सत्कार से प्रसन्न श्रद्धालु हर-हर महादेव का उद्घोष करते नजर आए।
अन्तिम सोमवार पर बाबा विश्वनाथ दरबार को फूलों की झालरों से सजाया गया है। शाम को दरबार में बाबा का रूद्राक्ष से विशेष श्रृंगार होगा। मंदिर में श्रद्धालु चारों द्वार से बाबा का झांकी दर्शन कर रहे हैं और वहां लगे जलधारी में जल, मदार व बेलपत्र आदि चढ़ाते हुए शीश नवा रहे हैं। श्रद्धालु जिस रास्ते से मंदिर में प्रवेश कर रहे हैं, उन्हें उसी रास्ते से निकालने की व्यवस्था बनाई गई है। मंदिर में दर्शन मंगला आरती के बाद शुरू हुआ। यहां देश के कोने-कोने से श्रद्धालुओं का आगमन हो रहा है।
सावन माह के अंतिम सोमवार को नमामि गंगे ने दशाश्वमेध घाट पर गंगा निर्मलीकरण का आवाह्न किया। गंगा स्नान के लिए घाट पर उपस्थित हजारों श्रद्धालुओं को स्वच्छता का संकल्प दिलाया गया। राष्ट्रध्वज, स्वच्छता स्लोगन लिखी तख्तियां, कपड़े के झोले लेकर लोगों को जागरूक किया गया। ‘आओ घर-घर अलख जगाएं- मां गंगा को निर्मल बनाएं’ व ‘सबका साथ हो गंगा साफ हो’ के उद्घोष के बीच मां गंगा की आरती उतारी गई। गंगा किनारे की गंदगी को साफ किया गया। सफाई में श्रद्धालुओं ने भी हाथ बंटाया। पॉलीथीन मुक्त काशी व गंगा घाट की अपील करते हुए कपड़े के झोले का वितरण किया गया। नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने ध्वनि विस्तारक यंत्र के माध्यम से दशाश्वमेध घाट पर हजारों की संख्या में मौजूद स्नानार्थियों से पॉलीथिन का उपयोग न करने की अपील की ।