लखनऊ में सोशल मीडिया के जरिए नकली
नोटों की सप्लाई करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। इस मामले में पुलिस ने 5 लोगों
को गिरफ्तार किया है। इनके पास से तीन लाख रुपए के नकली नोट और नोट बनाने के उपकरण
बरामद किए गए हैं। यह लोग असली नोट के बदले पांच गुनी कीमत के नकली नोट देते थे। नकली
नोटों का ये कारोबार यूपी, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, बिहार, झारखंड और
पश्चिम बंगाल तक फैला हुआ था। फिलहाल पुलिस गिरोह के बाकी सदस्यों की तलाश में
जुटी है।
डीसीपी उत्तरी एसएम कासिम आब्दी ने
बताया कि नकली करेंसी छापकर उसे असली नोट के रूप में मार्केट में चलाने वाले शातिर
गिरोह के सरगना समेत पांच लोगों को पकड़ा है। इनके पास से 3.20 लाख
रुपए के नकली नोट और उन्हें छापने के उपकरण भी बरामद किए
गए हैं। मड़ियांव थाना पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम ने मुखबिर की सूचना पर घैला
पुल के पास एक गाड़ी से प्रतापगढ़ के अंतू मौरहा के रहने वाले विकास दुबे, इटौंजा के नरायणपुर
के रहने वाले विकास सिंह और नई दिल्ली में अलीपुर निवासी विकास भारद्वाज को
गिरफ्तार किया। इनकी निशान देही पर विभूतिखंड स्थित पार्क व्यूइन होटल से गोंडा के
कौड़िया बाजार निवासी रवि प्रकाश पांडेय और बाराबंकी के कोठी निवासी उत्कर्ष
द्विवेदी को गिरफ्तार किया गया। इन लोगों ने बताया कि यह पांचों लोग मिलकर नकली
करेन्सी तैयार करते हैं। जिसके उपकरण भी होटल में ही बरामद हुए।
पुलिस की जांच में सामने आया कि ये
लोग सोशल मीडिया के माध्यम से नकली नोट खपाने के लिए ग्राहक खोजते थे। लोग जल्दी पैसा कमाने के चक्कर में इनकी बातों में फंस जाते थे।
इसके बाद ये उन्हें बीस हजार के बदले एक लाख रुपए के नकली नोट दे देते थे।