नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन गोरखपुर में कूड़े से चारकोल (हरित कोयला) बनाने का प्लांट लगाएगा। वाराणसी के बाद यह देश का दूसरा प्लांट होगा। इसके अलावा 50 मेगावाट का सोलर प्लांट भी लगेगा। सोमवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास पर योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में हुई बैठक में एनटीपीसी के अधिकारियों ने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के तहत इसकी स्थापना की जानकारी दी। चारकोल प्लांट सहजनवा के सुथनी में सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के लिए खरीदी गई 25 एकड़ जमीन के 15 एकड़ पर लगाया जाएगा। इस पर 250 करोड़ रुपए का निवेश होगा।
सोमवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल एवं एनटीपीसी के प्रबंध निदेशक एवं नगर निगम के अधिकारियों ने वार्ता की। बैठक के बाद तय हुआ कि जल्द ही गोरखपुर में ही एमओयू पर हस्ताक्षर होंगे। सुथनी में लगने वाले इस प्लांट का निर्माण दिसंबर तक शुरू होने की उम्मीद है। 500 टन प्रतिदिन कूड़ा निस्तारण की क्षमता वाले इस प्लांट से नगर निगम 650 करोड़ रुपए की बचत करेगा। करार के मुताबिक 30 वर्ष तक एनटीपीसी ही प्लांट का संचालन करेगा। सुथनी में 25 एकड़ खरीदी जमीन के 10 एकड़ क्षेत्रफल में बायो कंप्रेस्ड नैचुरल गैस प्लांट की स्थापना हो रही है। शेष 15 एकड़ जमीन पर एनटीपीसी प्लांट लगाएगा। 01 रुपये प्रति वर्गमीटर की दर पर 30 वर्ष के लिए उसे जमीन मिलेगी। प्लांट में हर दिन तकरीबन 200 टन चारकोल बनेगा। निगम को प्लांट के लिए धनराशि भी नहीं देनी होगी। यहां भी एनटीपीसी 2 मेगावाट का सोलर प्लांट लगाएगा।
नगर आयुक्त गोरखपुर गौरव सिंह सोगरवाल का कहना है कि ‘चारकोल प्लांट से नगर निगम 30 वर्ष में 650 करोड़ रुपए तो बचाएगा ही, साथ ही 255 करोड़ रुपये के निवेश की धनराशि भी बचेगी। सिर्फ नगर निगम ही नहीं, गोरखपुर विकास प्राधिकरण, नगर पंचायतों एवं संत कबीरनगर से भी सूखा कूड़ा उपलब्ध कराया जाएगा।’ नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने फरवरी से ही गोरखपुर में प्लांट के लिए एनटीपीसी के अधिकारियों से दिल्ली में कई बार मुलाकात की थी। वहीं वन एवं पर्यावरण के क्षेत्र में कार्यरत संस्था हेरिटेज फाउंडेशन की संरक्षिका डॉ. अनिता अग्रवाल ने भी इस पहल की सराहना की है। इसे गोरखपुर की एतिहासिक उपलब्धि बताते हुए उन्होंने कहा कि इस कदम से वायु एवं मृद्रा प्रदूषण पर भी लगाम लगेगी।