कुशीनगर में कसया के कुड़वा दिलीप नगर गांव में धर्म परिवर्तन कराने के आरोप में पकड़े गए जर्मन नागरिक समेत 7 लोगों की गिरफ्तारी के बाद इन्हें छोड़ दिया गया है। इस मामले को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने बड़ी ही गंभीरता से लिया है। घटना की जांच करने पहुंचे एसडीएम योगेश्वर सिंह से संघ के जिला कार्यवाह डॉ.चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर चल रहे ऐसे संवेदनशील मामले में आरोपियों को छोड़े जाने में जल्दबाजी दिखाना पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े करता है। खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों ने भी गांव में पहुंचकर लोगों से बातचीत कर तथ्यों की जांच की।
दरअसल सोमवार को पुलिस व प्रशासन को गांव में धर्म परिवर्तन की सूचना आरएसएस के कार्यकर्ताओं ने ही दी थी। शाम छह बजे मौके पर पहुंची पुलिस को जमीन पर जल रहे एक कैंडल के इर्द-गिर्द गोल घेरा बनाकर प्रार्थना सभा करते हुए लोग मिले। एसओ डॉ.आशुतोष चतुर्वेदी के नेतृत्व में पहुंचे पुलिस बल को देखते ही स्थानीय लोग भाग निकले। पुलिस जिन्हें पकड़कर थाने लाई, उनमें जर्मनी के ट्रेवनवर्ग हार्दन,पादरी बाजार गोरखपुर की रहने वाली सोमवती, बिशप हाउस सिविल लाइंस गोरखपुर के पादरी के जयसन, पीपीगंज गोरखपुर के डॉ. विनय मौर्य, लुम्बिल हाउस कोट्टम केरल के सुनील साहू,देवरिया रामगुलाम टोला के अतुल चौबे शामिल थे। पुलिस ने सभी लोगों का शांति भंग की धारा 151 में चालान कर एसडीएम के समक्ष पेश किया। जमानत मिलने पर रात नौ बजे पुलिस ने इन सभी को रिहा कर दिया। इस दौरान आरोपी तीन घण्टे पुलिस हिरासत में रहे। पुलिस की इस तरह की कार्यशैली से आरएसएस के कार्यकर्ताओं में खासी नाराजगी है।
इस मामले में थानाध्यक्ष का कहना है कि आरोपियों के विरुद्ध न तो कोई तहरीर मिली और न ही मौके पर कोई आपत्तिजनक वस्तु या साहित्य मिला। वहीं दूसरी तरफ जिला संघ चालक ने मीडिया से बातचीत में पुलिस द्वारा तहरीर मांगे जाने से इनकार किया। जिला संघ चालक ने कहा कि बीते 30 मार्च को भी धर्मांतरण की घटना में तहरीर देने बाद भी केस दर्ज नहीं हुआ था। उस घटना के आरोपियों को धारा 151 में ही पांच दिन जेल में निरुद्ध रखने के बाद जमानत दी गई थी। उन्होंने सवाल उठाया कि पर्यटन वीजा पर आए जर्मन नागरिक से सम्बंधित तथ्यों की भी जांच नहीं की गई। पकड़े गए लोगों में एक पूर्वांचल का धर्मांतरण प्रभारी था। उन्होंने कसया के एक होटल मालिक पर धर्मांतरण में लिप्त होने का आरोप लगाया है। जिला संघ चालक ने इस पूरे मामले से संघ के बड़े पदाधिकारियों को अवगत कराया है।