दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) कॉरिडोर की सुरंग बनाने का काम मंगलवार को पूरा हो गया। अंतिम सुरंग दो किलोमीटर लंबी है, जो आनंद विहार स्टेशन से साहिबाबाद के बीच बनी है। इसी के साथ आरआरटीएस कॉरिडोर के टनलिंग का कार्य 18 महीने से भी कम समय में पूरा कर लिया गया।
एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह ने एनसीआरटीसी के निदेशकों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में रिमोट का बटन दबाकर टनल ब्रेकथ्रू की शुरुआत की। सफल ब्रेकथ्रू के साथ ही टनल बोरिंग मशीन बाहर निकल आई। सुदर्शन 4.4 को आनंद विहार में निर्मित लॉन्चिंग शाफ्ट पर टनल बनाने के लिए उतारा गया था, जो अब वैशाली रेट्रीविंग शाफ्ट से बाहर निकल रहा है।
एनसीआरटीसी के प्रवक्ता पुनीत वत्स में बताया कि आरआरटीएस कॉरिडोर की पूरी टनल बनाने के कार्य को 18 महीने से भी कम समय में पूरा किया गया है। देश के पहले आरआरटीएस कॉरिडोर के भूमिगत खंड की कुल 12 किमी की लंबाई में समानांतर सुरंगों को बोर करने के लिए कुल सात अत्याधुनिक सुदर्शन, टनल बोरिंग मशीनों का उपयोग किया गया। आरआरटीएस के सुरंगों के निर्माण के लिए 80,000 से अधिक प्री-कास्ट सेगमेंट का उपयोग किया गया है। इन उच्च परिशुद्धता वाले प्री-कास्ट टनल सेगमेंट्स को कड़कड़डूमा, नई दिल्ली और शताब्दी नगर, मेरठ में स्थापित अत्याधुनिक कास्टिंग यार्ड में बनाया गया।
दिल्ली में आनंद विहार भूमिगत रैपिडएक्स स्टेशन से दोनों ओर ट्रेनों के आने-जाने के लिए कुल 4 सुरंगों का निर्माण किया गया है। लगभग 3 किलोमीटर लंबी दो समानांतर सुरंगें आनंद विहार स्टेशन को न्यू अशोक नगर स्टेशन से जोड़ने के लिए हैं जबकि लगभग 2 किलोमीटर लंबी समानांतर सुरंगें आनंद विहार स्टेशन को साहिबाबाद स्टेशन से जोड़ने के लिए बनाई गई हैं।
दिल्ली सेक्शन में टनल का निर्माण कार्य एक जटिल और चुनौतीपूर्ण कार्य था। आनंद विहार से साहिबाबाद की ओर जाते हुए भूमिगत टनल औद्योगिक क्षेत्रों की इमारतों के बहुत करीब से गुजर रही है तथा 4 मीटर से 6 मीटर तक के उथले ओवरबर्डन क्षेत्र के नीचे से और हाइटेंशन बिजली केबलों के केवल 0.5 मीटर ऊपर से गुजर रही है। इसी तरह आनंद विहार से न्यू अशोक नगर की ओर की टनल बनाने में इसी तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जब यह मौजूदा मेट्रो वायाडक्ट की पाइलिंग संरचनाओं और यहां तक कि पटपड़गंज और खिचड़ीपुर में गैर-इंजीनियरिंग इमारतों के बेहद करीब से गुजर रही थीं।
एनसीआरटीसी 2025 तक दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर को परिचालित करने के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए दिन-रात कार्य कर रहा है। इसी कड़ी में गाजियाबाद में साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किमी लंबा प्राथमिकता खंड बनकर तैयार है।