वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में चल रहे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के सर्वे के बीच सील वजूखाना क्षेत्र को लेकर एक याचिका दाखिल की गई है। शृंगार गौरी केस की मुख्य वादिनी राखी सिंह ने यह याचिका जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में मंगलवार को दाखिल की। इस पर 8 सितंबर को सुनवाई होगी।
वादिनी राखी सिंह के अधिवक्ता मान बहादुर सिंह, सौरभ तिवारी और अनुपम द्विवेदी ने याचिका में कहा है कि वर्तमान में वजूखाने को छोड़कर सम्पूर्ण ज्ञानवापी परिसर का एएसआई सर्वे हो रहा है, लेकिन बिना वजूखाने के सर्वे से संपूर्ण ज्ञानवापी परिसर का सत्य उजागर नहीं हो पाएगा। प्रार्थनापत्र में अधिवक्ताओं ने अंजुमन इंतजामिया, जिला प्रशासन, पुलिस आयुक्त, राज्य शासन, विश्वनाथ मंदिर न्यास और एएसआई को प्रतिवादी बनाया है। अधिवक्ता मान बहादुर सिंह ने बताया कि जिला जज की अदालत में 64 पन्ने का प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया है। इसके जरिए सील वजूखाने का भी सर्वे कराने की मांग की गई है ताकि संपूर्ण ज्ञानवापी परिसर का सच सामने आ सके।
बता दें कि अदालत के आदेश से एएसआई की टीम ज्ञानवापी में सील क्षेत्र को छोड़कर सर्वे का काम कर रही है। ज्ञानवापी के वजूखाने में एडवोकेट कमिश्नर की अगुआई में कराए गए सर्वे के दौरान 16 मई 2022 को शिवलिंग की आकृति जैसी संरचना मिली थी। हिंदू पक्ष की ओर से इसे शिवलिंग बताया गया। प्रतिवादी मुस्लिम पक्ष ने इसे फव्वारा बताया था। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई 2022 को अपने एक आदेश में शिवलिंग और वजूखाने को संरक्षित करने का आदेश दिया था। अदालत के आदेश के बाद वहां पर सुरक्षा बल तैनात है।