जया वर्मा सिन्हा को रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और CEO के पद पर कार्यभार संभाल लिया है। भारतीय रेल के 166 वर्षों के इतिहास और साथ साथ रेलवे बोर्ड के 166 साल के इतिहास में यह पद संभालने वाली जया वर्मा सिन्हा पहली महिला बन गयीं हैं। इससे पहले अनिल कुमार लाहोटी रेलवे बोर्ड के सीईओ और अध्यक्ष पद पर थे जिनका स्थान जया वर्मा सिन्हा ने लिया है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रा जया वर्मा सिन्हा 1988 में भारतीय रेलवे यातायात सेवा (IRTS) में शामिल हुईं। वह वर्तमान में CEO और अध्यक्ष का पद संभालने से पहले रेल मंत्रालय के तहत रेलवे बोर्ड के संचालन और व्यवसाय विकास के सदस्य के रूप में कार्यरत थीं।
रेलवे बोर्ड के संचालन और व्यवसाय विकास के सदस्य के रूप में जया वर्मा सिन्हा ने बालासोर दुर्घटना के बाद जटिल सिग्नलिंग प्रणाली के बारे में बताया था जिसमें लगभग 300 लोग मारे गए थे। अब जया सिन्हा भारतीय रेलवे द्वारा की जाने वाली माल ढुलाई और यात्री सेवाओं के समग्र परिवहन की लिए जिम्मेदारी देखेंगी। उनका कार्यकाल 1 सितंबर से 31 अगस्त, 2024 तक रहेगा। वह 1 अक्टूबर 2024 को सेवानिवृत्त होने वाली हैं लेकिन उनका कार्यकाल समाप्त होने तक उसी दिन उन्हें फिर से नियुक्त किया जाएगा।
जया वर्मा सिन्हा ने 4 साल तक ढाका, बांग्लादेश स्थित इंडियन हाईकमीशन में रेलवे कन्सल्टेंट के रूप में भी काम किया है। बांग्लादेश में उनके कार्यकाल के दौरान कोलकाता से ढाका तक मैत्री एक्सप्रेस का उद्घाटन किया गया था। उन्होंने पूर्वी रेलवे, सियालदह डिवीजन के मंडल रेलवे प्रबंधक के रूप में भी काम किया। सिन्हा की नियुक्ति भारतीय रेलवे के 166 साल के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ का प्रतीक है, क्योंकि वह सीईओ का पद संभाल रहे हैं और इस प्रतिष्ठित पद को संभालने वाली पहली महिला बन गई हैं।
रेलवे बोर्ड, भारतीय रेलवे का एक मुख्य संस्थान है जो 118 वर्षों से अधिक समय से कार्य कर रहा है। इसकी स्थापना 1905 में हुई थी। जया वर्मा सिन्हा का अध्यक्ष और CEO की भूमिका में आना इतिहास में पहली घटना है कि किसी महिला ने यह महत्वपूर्ण पद संभाला है।