चारा घोटाले के अंतिम मामले (केस संख्या आरसी 48 ए/96) में CBI की विशेष अदालत ने शुक्रवार को 36 दोषियों के खिलाफ सजा के बिंदु पर सुनवाई की। कोर्ट ने सभी दोषियों को 4-4 साल कारावास की सजा सुनाई है। मामला डोरंडा कोषागार से 36.59 करोड़ की अवैध निकासी से जुड़ा है।
सजा पाने वालों में तत्कालीन जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉक्टर गौरी शंकर प्रसाद भी शामिल हैं। गौरी शंकर प्रसाद को कोर्ट ने चार साल की सजा के अलावा एक करोड़ का जुर्माना भी लगाया है। इसके अलावा कई अन्य दोषियों को तीन-तीन लाख का जुर्माना लगाया गया है। सुनवाई सीबीआई के विशेष न्यायाधीश विशाल श्रीवास्तव की अदालत में हुई।
इन 36 दोषियों को मिली सजा
नित्यानंद कुमार सिंह, डॉ जुनुल भेंगराज, डॉ कृष्ण मोहन प्रसाद, डॉ राधा रमण सहाय, डॉ गौरी शंकर प्रसाद, डॉ रवींद्र कुमार सिंह, डॉ फणीन्द्र कुमार त्रिपाठी, महेंद्र प्रसाद, देवेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव, अशोक कुमार यादव, रामनंदन सिंह, बिजेश्वरी प्रसाद सिन्हा, अजय कुमार सिन्हा, राजन मेहता, रवि नंदन कुमार सिन्हा, राजेंद्र कुमार हरित, अनिल कुमार, त्रिपाठी मोहन प्रसाद, दयानंद प्रसाद कश्यप, शरद कुमार, सुरेश दुबे, मो सईद, मो तौहिद, संजय कुमार, रामा शंकर सिंह, उमेश दुबे, अरुण कुमार वर्मा, अजीत कुमार वर्मा, सुशील कुमार सिन्हा, जगमोहन लाल कक्कड़, श्याम नंदन सिन्हा, मोहिन्दर सिंह बेदी, प्रदीप कुमार चौधरी, सत्येंद्र कुमार मेहरा, मदन मोहन पाठक, प्रदीप वशिष्ठ।
53 दोषियों को पूर्व में सुनाई जा चुकी है सज
इसके पहले बीते 28 अगस्त को कोर्ट ने इस मामले में 124 आरोपितों में से 35 को रिहा कर दिया था जबकि पूर्व विधायक गुलशन लाल अजमानी समेत 53 दोषियों को दो से तीन साल की सजा सुनायी गयी थी। निचली अदालत ने उन्हें बेल दे दिया था। अब वे हाई कोर्ट में अपील करेंगे। मामले में सीबीआई की ओर से विशेष लोक अभियोजक रविशंकर ने पैरवी की।