उत्तर प्रदेश के हापुड़ में अधिवक्ताओं पर हुए बर्बर लाठी चार्ज और गाजियाबाद में चेंबर में घुसकर एक अधिवक्ता की हत्या के विरोध में बांदा के अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहकर आंदोलित हैं। अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष राजेश कुमार दुबे ने ऐलान किया है कि उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। जो दूसरों की लड़ाई लड़कर न्याय दिलाने का काम करते हैं। उन अधिवक्ताओं की दिनदहाड़े हत्या की जा रही है। ऐसे में हम अपनी आत्मरक्षा के लिए अपने साथ दंड रखेंगे। अगर हमारे चेंबर में आकर कोई हमला करता है तब अपनी आत्मरक्षा में हम अपने दंड का इस्तेमाल कर सकते हैं।
मीडिया से बातचीत करते हुए जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष राजेश कुमार दुबे ने कहा कि हम कानून के दायरे में रहकर वादकारियों को न्याय दिलाने का काम करते हैं, लेकिन हापुड़ में जिस तरह से अधिवक्ताओं पर लाठी चार्ज कर पुलिस ने निर्ममता पूर्वक अधिवक्ताओं को पीटा और फिर उन्ही अधिवक्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया, उससे अधिवक्ताओं में आक्रोश व्याप्त है। वहीं दूसरी और गाजियाबाद में कुछ ही घंटे बाद तहसील में मनोज चौधरी एडवोकेट की दिनदहाड़े चेंबर में घुसकर हत्या कर दी गई। इस घटना से स्पष्ट हो गया है कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए हमारे पास सिर्फ कलम होती है जबकि पुलिस के पास कलम और हथियार दोनों होते हैं। जिस तरह हापुड़ में एक सीओ के निर्देश पर बर्बर लाठी चार्ज किया जाता है। अगर कभी ऐसी स्थिति यहां बनती है तो कम से कम हम ऐसी शक्तियों से निपटने के लिए सक्षम हो। इसके लिए संघ ने निर्णय लिया है कि आत्मरक्षा के लिए सभी अधिवक्ता अपने साथ दंड रखें और जब कोई शक्ति हम पर हमलावर हो तो कम से कम हम आत्मरक्षा कर सके।
अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष ने कहा कि दंड रखने से पहले इसका पूजन किया जाएगा। इसके लिए शनिवार को अधिवक्ता संघ भवन के समीप मंदिर में सभी अधिवक्ता अपने-अपने लाए गए डंडों का सामूहिक रूप से पूजन करेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि हापुड़ और गाजियाबाद की घटना को लेकर यहां के अधिवक्ता आज हड़ताल पर हैं। आगामी 3 सितंबर को उत्तर प्रदेश बार काउंसिल की आपात बैठक होगी। इस बैठक में जो भी निर्णय होगा, उसके अनुसार आंदोलन की आगे की रणनीति बनाई जाएगी।