देश में ‘हर घर जल’ योजना को लागू करने में उत्तर प्रदेश शीर्ष पर है। देश में अकेले उत्तर प्रदेश ने 90.12 लाख नए नल कनेक्शन स्थापित किए हैं। जबकि पूरे देश में 2.16 करोड़ नल वर्ष 2023 में लगाए गए हैं। मुख्यमंत्री योगी ने नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने वर्ष 2019 में ही मिशन की शुरुआत के बाद से 1.5 करोड़ नए कनेक्शन स्थापित करने का ऐतिहासिक आंकड़ा भी पार कर लिया है।
बता दें एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बीते वर्ष, उत्तर प्रदेश ने मात्र 30.8 लाख नए कनेक्शन लगाए थे, जिसके बाद से देश के सबसे बड़े राज्य के लिए चिंताजनक स्थिति उत्पन्न हो गई थी। भारत सरकार के अधिकारी इस चिंता में थे कि यूपी दिए गए समय में मिशन को पूरा करने में सक्षम होगा या नहीं। क्योंकि 2019 में 2.57 करोड़ घरों को नल से जल का कनेक्शन प्रदान करने का इसका सबसे बड़ा अधूरा काम था। अधिकारियों ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की लगातार मॉनिटरिंग की वजह से उत्तर प्रदेश में अब तक 60 प्रतिशत कवरेज दर्ज किया गया है।
पहले 8 महीने में रिकॉर्ड को छुआ
देश में 2024 के दौरान तय समय तक हर घर को पीने योग्य नल के पानी से कवर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वकांक्षी ‘हर घर जल योजना’ के तहत इस साल ‘प्रति सेकंड एक नल’ स्थापित करने की तीव्र गति हासिल की है। वर्ष 2023 के पहले 8 महीनों में ही देश ने पिछले साल के सभी रिकॉर्ड को पार कर लिया है। एक मीडिया रिपोर्ट से प्राप्त जानकारी के अनुसार देश में इस साल अगस्त तक 2.16 करोड़ नए नल कनेक्शन लगाए गए, जबकि 2022 के पूरे साल में यह संख्या 2.08 करोड़ थी।
प्रति दिन औसतन 89,097 नल
मीडिया रिपोर्ट के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक हर घर जल अभियान के तहत प्रति दिन लगभग 89,097 नल लगाए गए हैं जो ‘प्रति सेकंड एक नल’ से अधिक है। वर्ष 2022 में, औसतन प्रतिदिन लगभग 57,000 नल लगाए गए थे। पीएम मोदी ने हर घर को कवर करने के लिए 5 वर्ष का लक्ष्य तय किया था.
योजना के क्रियान्वयन में उत्तर प्रदेश शीर्ष पर
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक असम, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश ने भी अगस्त के अंत तक 55 प्रतिशत टारगेट को पार करके प्रगति दर्ज की है। हालांकि, राजस्थान, झारखंड और पश्चिम बंगाल राज्य फिसड्डी साबित हुए हैं, इस योजना के तहत इन राज्यों का कवरेज अब तक क्रमशः 43 प्रतिशत, 41 प्रतिशत और 38 प्रतिशत है। पश्चिम बंगाल में अब भी 1.71 करोड़ घरों में पीने योग्य पानी के लिए नल का कनेक्शन नहीं है और प्रदेश ने इस साल केवल 11 लाख कनेक्शन दिए हैं। अधिकारियों का कहना है कि यह केंद्र के लिए चिंता का विषय है।