भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में पत्रकार वार्ता में कहा कि विपक्षी घटक दल लगातार सनातन धर्म का अपमान कर रहे हैं। उदयनिधि का बयान पहली घटना नहीं है। इससे पहले उत्तर प्रदेश में स्वामी प्रसाद मौर्य, कर्नाटक में वर्तमान में पीडब्ल्यूडी मंत्री सतीश जारकीहोली, आम आदमी पार्टी की गुजरात इकाई के अध्यक्ष रहे और अब पार्टी के महासचिव गोपाल इटालिया हिन्दू धर्म के खिलाफ बयान दे चुके हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ही हिन्दू आतंकवाद जैसा शब्द लाई थी। वहीं तमिलनाडु के एक जिले में 70 प्रतिशत मुस्लिम होने पर हिन्दुओं को उनकी आस्था का पालन करने से रोका जाता है। त्रिवेदी ने कहा कि उदयनिधि का बयान जिस कॉन्फ्रेंस में दिया उसका शीर्षक ‘इरेडिकेशन आफ सनातन धर्म’ था। उन्होंने पढ़कर बयान दिया जिसका मतलब है कि इसे सोच-समझ कर लिखा गया था। वे पूछना चाहते हैं कि उदयानिधि को किसने लिख कर दिया था और इसमें आईएनडीआईए का क्या रोल है। मुंबई में गठबंधन की बैठक खत्म होती है और 24 घंटे के अंदर इस तरह का बयान आता है।
दशकों तक लोगों की कमजोरियों का शिकार किया और हमारे राष्ट्र और लोगों की संपत्ति को चूस लिया – राजीव चन्द्रशेकर
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चन्द्रशेकर ने एक्स पर उदयनिधि के बयान की निंदा करते हुए कहा कि ये राजवंश (करुणानिधि परिवार) वास्तव में परजीवी हैं जिन्होंने दशकों तक लोगों की कमजोरियों का शिकार किया और हमारे राष्ट्र और लोगों की संपत्ति को चूस लिया। अपने भ्रष्टाचार और परजीवी व्यवहार की आड़ में वे ‘द्रविड़ भूमि की रक्षा’ जैसे आख्यान बनाते हैं और हिंदू आस्था का दुरुपयोग करते हैं। एकमात्र चीज़ जिसकी वे रक्षा करते हैं वह है उनका अपना धन और राजनीति।
उन्होंने कांग्रेस पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि क्या पार्टी उनके बयान का समर्थन करती है। तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के अन्नामलाई ने कहा है कि गोपालपुरम परिवार (करुणानिधि परिवार) का एकमात्र संकल्प राज्य के सकल घरेलू उत्पाद से अधिक संपत्ति अर्जित करना है। उदय स्टालिन उनके पिता और उनके विचारक के पास ईसाई मिशनरियों से खरीदा हुआ विचार है और उन मिशनरियों का विचार उनके जैसे मूर्खों के माध्यम से दुर्भावनापूर्ण विचारधारा को बढ़ावा देना था। तमिलनाडु अध्यात्म की भूमि है। सबसे अच्छा काम जो वे कर सकते हैं वह है इस तरह के कार्यक्रम में माइक पकड़ना और अपनी निराशा व्यक्त करना।