भूजल
स्तर में लगातार हो रही गिरावट के कारण मैनपुरी, हाथरस व फर्रूखाबाद शहर में नई ट्यूबवेल
बोरिंग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यहां पर सरकार भूजल रिचार्जिंग के प्रयास
करेगी। वहीं, पांच
वर्षों से भूजल स्तर में लगातार हो रहे सुधार को देखते हुए 12 शहरों लखनऊ, वाराणसी, मुरादाबाद, कन्नौज, मेरठ, बुलंदशहर, सहारनपुर, प्रयागराज, कौशांबी, शामली, मुजफ्फरनगर और
अमरोहा को अधिसूचित क्षेत्र से बाहर करते हुए सारे प्रतिबंध हटा लिए गए हैं।
अब इन
शहरों में ट्यूबवेल की बोरिंग हो सकेगी। इनके अलावा 12 विकासखंडों को भी भूजल स्तर सुधरने के
कारण अधिसूचित क्षेत्र से बाहर करते हुए प्रतिबंध समाप्त कर दिया गया हैं। मुख्य
सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में राज्य भूगर्भ जल प्रबंधन और विनियामक
प्राधिकरण की बैठक हुई।
इसमें
नए संकटग्रस्त क्षेत्रों को अधिसूचित करने और जिनमें सुधार हुआ है उन्हें अधिसूचित
क्षेत्र से बाहर करने पर मुहर लगाई गई। मुख्य सचिव ने कहा कि अभियान चलाकर
छात्र-छात्राओं को प्रदेश में भूगर्भ जल संपदा का महत्व, भूगर्भ जल संसाधनों की सुरक्षा, जल संरक्षण एवं
प्रबंधन व नियमन के बारे में जागरूक किया जाए।