इलाहाबाद हाईकोर्ट मथुरा वृंदावन में प्रस्तावित बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर तथा यमुना घाटों के सुंदरीकरण को लेकर दाखिल याचिकाओं की सुनवाई 18 सितंबर को करेगा। याचिका की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर तथा न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने की। कोर्ट ने सभी पक्षों के वकीलों से कहा था कि यह ऐसा मामला है कि इसमें मिल बैठकर आपस में इसका निदान किया जा सकता है। कोर्ट ने इस मामले को मध्यस्थता द्वारा हल किए जाने पर बल दिया।
महाधिवक्ता कैंप कार्यालय में इसी मुद्दे पर सहमति के लिए सभी पक्षों की 27 अगस्त को बैठक हुई, किंतु सहमति नहीं बन सकी। अनंत शर्मा व अन्य तथा महन्त मधु मंगल दास व कई अन्य की तरफ से जनहित याचिका दाखिल की गई है। सरकार की तरफ से प्रदेश के अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल तथा मुख्य स्थायी अधिवक्ता कुणाल रवि ने सरकार का पक्ष रखा। बांके बिहारी मंदिर की तरफ से सेवायतों के अधिवक्ता ने कहा था कि मंदिर उनका है और मंदिर में मिलने वाला दान पर उनका हक है। सरकार इस पैसे को विकास के नाम पर उनसे नहीं ले सकती। बहरहाल, अब जनहित याचिकाओं पर आगामी 18 सितंबर को सुनवाई होगी।