हिन्दू और सनातन धर्म को लेकर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के मंत्री पुत्र उदयनिधि स्टालिन के अमर्यादित बयान का विरोध देश भर में हो रहा है। मंत्री स्टालिन के बयान से सबसे ज्यादा देश के संत, महात्मा, महंत और साधु आहत हैं। हिन्दू वादी संगठन और देश भर का हिन्दू इसका कड़ा विरोध कर रहा है। इस विरोध को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा में उदयनिधि स्टालिन के साथ-साथ अयोध्या के तपस्वी छावनी के संत जगत गुरु परमहंस आचार्य हैं।
स्टालिन के अमर्यादित बयान से हताश होकर जगत गुरु परमहंस आचार्य ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र भेजकर उदयनिधि स्टालिन को पद मुक्त किए जाने का अनुरोध किया है। साथ ही कहा है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो 18 सितंबर को वह उदय निधि स्टालिन से मिलने जाएंगे और जिस तरह हनुमान ने कालनेमी का वध किया था उसी तरह वो डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन का सिर कलम करके लाएंगे।
वहीं इससे पहले जगतगुरु परमहंस आचार्य ने उदयनिधि का सिर कलम करने वाले को 10 करोड़ का इनाम देने की घोषणा की थी। पहले 10 करोड़ का इनाम देने की घोषणा की, फिर रकम कम होने पर बढ़ाने की भी बात की और इसके बाद उदयनिधि स्टालिन ने भी तंज कसा था और कहा था कि इसके लिए 10 रुपए का कंघा ही काफी है। इसके बाद अब जगत गुरु परमहंस आचार्य ने DMK नेता और तमिलनाडु के मंत्री को लेकर और बड़ा बयान दिया है। जो विवादों के घेरे मे आ सकता है। लेकिन सनातन धर्म पर उदयनिधि स्टालिन द्वारा दी गई चोट कुछ कम नहीं है।
हिन्दू धर्म को लेकर उदयनिधि स्टालिन ने क्या कहा था ?
बता दें कि इस विवाद की शुरुआत उदय निधि स्टालिन द्वारा हाल ही में दिए गए एक विवादित बयान के बाद हुई थी। एक सम्मेलन के दौरान उन्होंने कहा सनातन का सिर्फ विरोध नहीं किया जाना चाहिए। बल्कि, इसे समाप्त ही कर देना चाहिए। सनातन धर्म सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है. कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता, उन्हें खत्म ही कर देना चाहिए। हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते। हमें इसे मिटाना है। इसी तरह हमें सनातन को भी मिटाना है।