कानपुर- भ्रष्टाचार निवारण केन्द्रीय जांच एजेंसी की टीम ने छावनी परिषद कानपुर के कार्यालय की एक सेवानिवृत्त सफाईकर्मी से पेंशन के नाम पर घूस लेते हुए वरिष्ठ लिपिक को रंगे हाथ बुधवार को गिरफ्तार किया। लखनऊ की टीम ने भ्रष्टाचार के मामले में पूरी कार्रवाई की है और पकड़े गए लिपिक और चपरासी से पूछताछ की जा रही है। लिपिक पीड़ित से 40 हजार रुपए की चपरासी के जरिए मांग की थी। हालांकि टीम ने लिपिक को 20 हजार रुपए घूस लेते रंगे हाथों पकड़ा है।
कैंट बोर्ड की सफाई कर्मचारी रामवती सेवानिवृत्त हो चुकी है। वह अपनी पेंशन और फंड के दस्तावेज तैयार कराने के लिए काफी दिनों से परेशान है। आरोप है कि कैंट बोर्ड कानपुर में वरिष्ठ लिपिक के पद कार्यरत धर्मेन्द्र कुमार ने इसी कार्यालय में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी आनंद वर्मा उर्फ लड्डू के माध्यम से पीड़ित से 40 हजार रुपये की घूस मांगी थी। पीड़ित रामवती ने मामले की शिकायत सीबीआई की एंटी करप्शन विंग से की। पूर्व योजना के तहत बुधवार को रामवती के साथ एंटी करप्शन विंग की टीम पहुंची और घूस लेते ही चपरासी आनंद और लिपिक (बाबू) धर्मेंद्र को घूस लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
टीम ने दोनों को हिरासत में लेकर कैंट बोर्ड के कार्यालय में पूछताछ कर रही है। शिकायतकर्ता रामवती के भी बयान दर्ज किया है। टीम ने बताया कि जांच पड़ताल के बाद घूसखोर बाबू और चपरासी के खिलाफ कैंट थाने में अभियोग पंजीकृत कराएगी और वहीं न्यायालय में पेश करने के बाद दोनों को जेल भेजने की कार्रवाई की जाएगी। कैन्ट थाना प्रभारी निरीक्षक कहना है कि अब तक हमसे कोई सम्पर्क नहीं किया है, यदि कोई तहरीर मिलेगी तो वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।