लखनऊ- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीवन पर आधारित ग्राफिक्स पर आधारित नॉवेल ‘‘अजय टू योगी आदित्यनाथ’’ ने 67 स्थानों पर लॉन्च के साथ नया इतिहास रच दिया है। इस उपन्यास की 67वीं लॉन्चिंग हाल ही में बेंगलुरु में संपन्न हुई।
‘‘अजय टू योगी आदित्यनाथ’’ पुस्तक के लेखक शांतनु गुप्ता ने गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर उन्होंने पुस्तक के कुछ संस्करण भी मुख्यमंत्री योगी को प्रदान की।
इस दौरान शांतनु गुप्ता ने बताया कि पाठकों के बीच इस उपन्यास की जबरदस्त मांग को देखते हुए इसे अलग-अलग स्थानों पर लॉन्च किया गया है और अभी कई अन्य स्थानों पर इसे लॉन्च किए जाने की योजना है। दो बेस्टसेलर उपन्यास लिखने वाले प्रसिद्ध लेखक शांतनु गुप्ता का यह उपन्यास अब तक 8 राज्यों (यूपी, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तराखंड, तेलंगाना और असम) में लॉन्च हो चुका है। यूपी में 29 और एनसीआर में 7 स्थानों पर इसे लॉन्च किया गया है। सीएम योगी आदित्यनाथ के 51वें जन्मदिन पर 05 जून 2023 को पहली बार इसे उत्तर प्रदेश के 25 जिलों में 51 से अधिक स्थानों पर एक साथ लॉन्च किया गया था। साथ ही इस उपन्यास ने सर्वाधिक लॉन्चिंग के लिए एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज करा लिया है।
संघर्ष से शिखर की यात्रा का उल्लेख
शांतनु गुप्ता ने इस उपन्यास के माध्यम से सीएम योगी के संघर्ष से शिखर तक पहुंचने की यात्रा का वर्णन किया है। ‘‘अजय टू योगी आदित्यनाथ’’ दरअसल छह अन्य भाई-बहनों के साथ उत्तराखंड के भीतरी इलाकों में पैदा हुए एक युवा लड़के अजय सिंह बिष्ट की यात्रा है। उनके पिता आनंद सिंह बिष्ट एक कनिष्ठ वन अधिकारी थे और माता सावित्री देवी एक गृहिणी थीं। अजय को बचपन से ही परिवार की गायों की देखभाल करने, स्वतंत्रता सेनानियों की कहानियां सुनने और स्कूल की बहस में भाग लेने का शौक था। वे सभी आज के उत्तराखंड में पनचूर नाम के एक सुदूर गांव में डेढ़ कमरे के घर में रहते थे। यहीं से अजय गोरखनाथ मठ के महंत बने, जिसके बाद उन्होंने भारतीय संसद के सबसे कम उम्र के सदस्य व भारत के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने की यात्रा तय की।