वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण टीम का सर्वे अभी चार हफ्ते और चलेगा। शुक्रवार को जिला जज की अदालत ने ज्ञानवापी के सर्वे और उसकी रिपोर्ट तैयार करने के लिए समय-सीमा बढ़ाए जाने की एएसआई की अर्जी पर सुनवाई की। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद देर शाम आदेश में एएसआई को आठ सप्ताह की जगह चार सप्ताह का और समय दिया गया। 6 अक्टूबर तक सर्वे रिपोर्ट दाखिल करने को कहा गया है।
जिला जज ने अपने सात पेज के आदेश में कहा है कि सर्वे का कार्य जल्दबाजी में पूरा नहीं किया जा सकता। भवन के वैज्ञानिक अन्वेषण, सर्वे और फोटोग्राफी को तैयार करने में समय लगता है। ऐसे में एएसआई को वर्तमान ढांचे को कोई नुकसान पहुंचाए बिना सर्वे के लिए केवल चार हफ्ते का समय दिया जाएगा। इस अवधि के भीतर एएसआई सर्वे और वैज्ञानिक अन्वेषण कार्य पूरा करने का प्रयास करेगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि एएसआई की ओर से हाईकोर्ट में जो शपथपत्र दाखिल किया गया है, उसका भी कड़ाई से अनुपालन किया जाए। इसके पहले एएसआई टीम को 2 सितम्बर को सर्वे की रिपोर्ट न्यायालय में दाखिल करनी थी।
उधर, शुक्रवार की सुबह और गुरुवार को प्रतिवादी पक्ष ने एएसआई टीम को सर्वे करने से रोक दिया था। प्रतिवादी मुस्लिम पक्ष ने कहा कि न्यायालय का आदेश आने के बाद ही सर्वे की कार्रवाई को आगे बढ़ाया जाएगा। जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ जिलाधिकारी एस राजलिंगम और अपर पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) ने भी प्रतिवादी पक्ष को समझाने का प्रयास किया लेकिन सहमति नही बन पाई। मुस्लिम पक्ष ने कहा कि जिला जज की अदालत ने सर्वे और उसकी रिपोर्ट जमा करने के लिए 2 सितंबर तक की इजाजत दी थी। बीते सोमवार को प्रतिवादी पक्ष अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने न्यायालय में दाखिल आपत्ति में कहा कि ज्ञानवापी में मलबा हटाने और एक जगह इकट्ठा करने से मस्जिद के गिरने का खतरा है। अदालत ने शुक्रवार को मुस्लिम पक्ष की आपत्ति को खारिज कर दिया।
बता दें कि जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेस की अदालत ने बीते 21 जुलाई को चार अगस्त तक वैज्ञानिक सर्वेक्षण कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया था। एएसआई ने 24 जुलाई को सर्वे शुरू कर दिया, लेकिन पांच घंटे तक सर्वेक्षण के बाद प्रतिवादी अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने 26 जुलाई तक सर्वेक्षण पर रोक लगा दी। उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के बाद एएसआई ने जिला जज की अदालत से चार हफ्ते का और समय मांगा। तब अदालत ने दो सितम्बर तक सर्वे के लिए समय दिया था।