मंडल कारागार में छह माह से निरुद्ध अनुदेशक की रविवार सुबह अचानक हालत बिगड़ गई। जेल अस्पताल से बंदी को तत्काल जिला अस्पताल ले जाया गया। जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया। जेल प्रशासन की ओर से मृतक परिजनों को सूचना दी गई। अस्पताल पहुंचे परिजनों ने जेल प्रशासन पर बंदी के साथ मारपीट कर मार डालने का आरोप लगाया। जबकि जेल प्रशासन का कहना है दिल का दौरा पड़ने से अनुदेशक की मौत हुई है। पिता ने बेटे की मौत के जांच की मांग की है।
शहर के परशुराम तालाब मुहल्ला निवासी अजीत (46) पुत्र वासदेव दो मार्च 2023 से मंडल कारागार में निरुद्ध था। रविवार की सुबह करीब नौ बजे अचानक उसकी हालत बिगड़ गई। बंदीरक्षकों ने देखा तो जेल अधिकारियों को सूचना दी। जेल अधिकारियों ने बंदी को तत्काल जेल अस्पताल में भर्ती कराया। वहां हालत में सुधार न होने पर बंदी को तत्काल जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। जेल के सिपाही बंदी को जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, वहां चिकित्सक ने देखते ही बंदी को मृत घोषित कर दिया।
मृतक के पिता ने बताया कि अजीत बिसंडा थाना क्षेत्र के भुराने पुरवा प्राथमिक विद्यालय में अनुदेशक के पद पर तैनात था। पिता का आरोप है कि छेड़खानी और पाक्सो एक्ट के मामले में पुलिस ने उसे जेल भेज दिया था। तब से वह जेल में निरुद्ध था। उसे कोई बीमारी नहीं थी। जबकि वरिष्ठ जेल अधीक्षक वीरेश राज शर्मा ने कहा कि दिल का दौरा पड़ने से अजीत की मौत हुई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हकीकत सामने आएगी।