लखनऊ के
काकोरी में एटीएस के साथ मुठभेड़ में मारे गए आतंकी मोहम्मद सैफुल्लाह के साथी
आतिफ मुजफ्फर और मोहम्मद फैसल को आज सजा सुनाई जा सकती है। एनआईए/एटीएस के विशेष
न्यायाधीश दिनेश कुमार मिश्र ने चार सितंबर को इस्लामिक स्टेट के आतंकी आतिफ
मुजफ्फर और मोहम्मद फैसल को दोषी ठहराया था। कोर्ट ने सजा सुनाने के लिए 11 सितंबर की तारीख तय की
थी। अभियुक्तों ने भारत के लोगों में दहशत और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पहुंचाने
एवं हिंदुओं को जान से मारने के मकसद से शिक्षक रमेश बाबू शुक्ला को उनके हाथ में
बंधे कलावा व माथे पर लगे तिलक के कारण हत्या कर दी थी।
कानपुर
में चकेरी के अक्षय शुक्ला ने दोनों आतंकियों के खिलाफ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई
थी। उनके मुताबिक 24 अक्टूबर 2016 को उनके पिता रमेश बाबू शुक्ला स्कूल
से पढ़ा कर घर लौट रहे थे, तभी किसी ने गोली मारकर उनकी
हत्या कर दी थी। सात मार्च 2017 को एक अन्य रिपोर्ट मध्य
प्रदेश के उज्जैन थाना जीआरपी में ट्रेन के गार्ड ने अज्ञात लोगों के खिलाफ विस्फोटक
पदार्थ अधिनियम के अंतर्गत दर्ज करवाई थी। दोनों मामले में आतंकियों की संलिप्ता
को देखते हुए विवेचना एटीएस को सौंपी गई। एटीएस ने विवेचना के दौरान भोपाल और
कानपुर से दोनों को गिरफ्तार किया था। विवेचना
के दौरान यह तथ्य आया कि अभियुक्त आतिफ मुजफ्फर और मो फैसल प्रतिबंधित आतंकी संगठन
इस्लामिक स्टेट से जुड़े हैं।