योगी सरकार प्रदेश में गैर पारंपरिक ऊर्जा स्त्रोतों को बढ़ावा देने, ग्लोबल वार्मिंग एवं जलवायु परिवर्तन को देखते हुए स्वच्छ एवं हरित ऊर्जा उत्पादन स्रोतों के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार ने एक उच्च स्तरीय बैठक में अधिकारियों को उत्तर प्रदेश ग्रीन हाइड्रोजन नीति-23 का ड्राफ्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं। योगी सरकार जल्द उत्तर प्रदेश ग्रीन हाइड्रोजन नीति-23 लेकर आ सकती है, जिसमें ग्रीन हाइड्रोजन को बढ़ावा देने एवं नवाचार के लिए विभिन्न प्रकार की रियायतों के साथ सब्सिडी दी जाएगी। इसके लिए यूपीनेडा को नोडल एजेंसी नियुक्त किया गया है। यह नीति प्रदेश में अगले पांच वर्षों के लिए लागू होगी, जिसका उद्देश्य उत्तर प्रदेश को पूरे देश में सबसे बड़ा ग्रीन हाइड्रोजन निर्माता बनाना है।
उत्तर प्रदेश ग्रीन हाइड्रोजन नीति-23 के तहत ग्रीन हाइड्रोजन, अमोनिया के पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ किया जाएगा। साथ ही ग्रीन हाइड्रोजन खपत वाले क्षेत्रों में हाइड्रोजन ब्लेंडिंग को बढ़ावा दिया जाएगा। इसी के साथ ग्रीन हाइड्रोजन, अमोनिया के लिए औद्योगिक क्लस्टर और केंद्र के विकास पर जोर दिया जाएगा। नीति में बायोगैस एवं अन्य उद्योगों से उत्पन्न होने वाली कार्बन को उपयोगी बनाने के लिए कार्बन डाईआक्साइड रिकवरी यूनिट्स को स्थापित किया जाएगा। इलेक्ट्रोलाइजर विनिर्माण के साथ-साथ उत्पादन से उपयोग केंद्रों तक राइट ऑफ वे आरओडब्ल्यू का आंकलन कर ग्रीन हाइड्रोजन, अमोनिया और उनके सह उत्पादों के भंडारण एवं परिवहन के प्रौद्योगिकी विकास में सहयाेग करेगा।