देश में राष्ट्रवाद की अलख जगाने को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ अपने शताब्दी वर्ष में फिर से गाँव-गाँव तक पहुंचेगा। वहीं RSS निधि समर्पण अभियान, सेवा समिति और चिकित्सा समिति को फिर से सक्रिय कर विलय करेगा। बता दें, RSS ने अब शताब्दी वर्ष के मद्देनजर दिसंबर 2024 तक प्रत्येक गांव तक शाखा या साप्ताहिक मिलन के जरिये पहुंच बनाने का लक्ष्य नियत किया है। इसके लिए संघ ने प्रदेश के पूर्वी और पश्चिमी क्षेत्र में प्रत्येक गांव तक उपस्थिति दर्ज करने के लिए विस्तृत योजना भी बनाई है।
गौरतलब है कि RSS ने पहले शताब्दी वर्ष के मद्देनजर प्रत्येक न्याय पंचायत तक संघ की शाखा स्थापित करने का लक्ष्य रखा था लेकिन बीते दिनों हुई संघ की उच्च स्तरीय बैठक में प्रत्येक गांव तक शाखा या साप्ताहिक मिलन कार्यक्रमों का आयोजन करने का लक्ष्य नियत किया गया है।
मीडिया को जानकारी देते हुए RSS के पदाधिकारी ने बताया कि राम मंदिर निर्माण के लिए प्रत्येक गांव में निधि समर्पण अभियान के लिए समिति बनाई गई थी लेकिन अभियान पूरा होने के बाद समिति का उपयोग नहीं हुआ। इसी प्रकार कोरोना की पहली लहर के दौरान ग्राम रक्षा समिति बनाई गई थी। थर्ड वेव के दौरान चिकित्सा समिति बनाई गई थी लेकिन कोरोना काल के बाद उनका उपयोग भी नहीं हुआ। संघ अब इन तीनों समितियों का विलय कर एक नई टीम बनाने की तैयारी कर रहा है।
ये है RSS की गाँवों तक पहुँचने की रणनीति
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने अब नई टीम के सदस्यों के बल पर राष्ट्रवाद का जिम्मा सौंप दिया है। उनके पास समय की उपलब्धता के आधार पर पहले चरण में जहां शाखा शुरू करना संभव है, वहां शाखा शुरू की जाएगी। जहां शाखा शुरू करना संभव नहीं है, वहां साप्ताहिक मिलन के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इसके अंतर्गत गांव के किसी मंदिर, तालाब, श्मशान पर सेवा कार्य, हनुमान चालीसा पाठ, रामचरितमानस पाठ कार्यक्रम किए जाएंगे। इसके लिए संघ की ओर से ऐसे गांवों को चिह्नित किया जा रहा है, जहां शाखा या साप्ताहिक मिलन के कार्यक्रम अभी तक नहीं हैं। वहां पर जल्द ही संघ के स्वयंसेवक और प्रचारक पहुंचकर लोगों को जोड़ने का काम करेंगे।