अयोध्या में सोमवार को विश्व हिंदू परिषद की केंद्रीय और क्षेत्रीय पदाधिकारियों की दूसरे दिन की बैठक संपन्न हुई। बैठक में श्रीराम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा समारोह में जन की सहभागिता और संगठन को इस कार्यक्रम के माध्यम से गतिशील रखने को लेकर मंथन हुआ। संगठन पदाधिकारियों का मानना है कि मंदिर निर्माण समर्पण निधि कार्यक्रम की ही भांति प्राण प्रतिष्ठा समारोह से देशभर के पांच लाख गांवों को जोड़ा ही ना जाए, बल्कि इन स्थानों पर नवीन विहिप हितचिंतकों का निर्माण भी हो, जिससे संगठन का आधार भी मजबूत होगा।
सोमवार को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र कार्यालय पर विहिप की केंद्रीय बैठक में पदाधिकारियों ने एक स्वर से कहा कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर प्राण प्रतिष्ठा इस युग का आध्यात्मिक धार्मिक और सांस्कृतिक लोकजागरण की सिद्धि का स्वरूप ग्रहण करेगा, जिससे राष्ट्र भक्ति व धर्मनिष्ठा और मजबूत होगी। देश के विभिन्न प्रांतों से संपर्क और कार्यकर्ताओं से समन्वय रखने वाले विश्व हिंदू परिषद के अयोध्या आए लगभग आठ दर्जन प्रमुख पदाधिकारियों ने देश के हर राज्य जिला और प्रखंडों, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों से संपर्क पर बल दिया। पदाधिकारियों ने कहा कि हर गांव की सहभागिता उसी प्रकार होगी जैसी शिला पूजन और कारसेवा के दौरान थी। बैठक में कहा गया कि देश भर के दो हजार संत धर्माचार्यो से विहिप का संत संपर्क विभाग सीधे संपर्क कर उन्हें प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में आमंत्रित करेगा। यह संत भी भिन्न पंथ संप्रदाय और जातियों से संबंधित होंगे, ऐसे संप्रदायों की लगभग एक सौ पचास संख्या होगी। बैठक में यह भी कहा गया कि प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व बजरंग दल की शौर्य यात्राओं के दौरान मार्गों में होने वाली धर्म सभाओं में संतों के सम्मिलित होने और रामभक्तों का मार्गदर्शन करने हेतु संपर्क विभाग लगातार सक्रिय है।