उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी वाराणसी में भारत की अध्यक्षता के तहत G20 सतत वित्त कार्यसमूह (SFWG) की चौथी बैठक बुधवार से शुरू हो गई। दो दिवसीय बैठक में G20 सदस्य देशों, विशेष आमंत्रित देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के 80 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे है। नदेसर स्थित होटल ताज में आयोजित बैठक में गुवाहाटी, उदयपुर और महाबलीपुरम में आयोजित पहली, दूसरी ओर तीसरी बैठक से आगे की चर्चा हो रही है। G20 सस्टेनेबल फाइनेंस वर्किंग ग्रुप समिट के चौथे सत्र में प्रतिनिधि जी 20 सस्टेनेबल फाइनेंस रिपोर्ट को अंतिम रूप देने के पहले क्रिप्टो करेंसी से आई व्यापक आर्थिक और वित्तीय चुनौतियों से निपटने की रणनीति पर मंथन कर रहे है।
“वसुधैव कुटुंबकम” या एक पृथ्वी, एक परिवार., एक भविष्य’ थीम पर 20 सस्टेनेबल फाइनेंस रोडमैप में सूचीबद्ध कार्यों के क्षेत्राधिकार, आईओ और संबंधित हितधारकों द्वारा की गई प्रगति पर भी दो दिन चर्चा होगी।
गौरतलब हो कि भारत की G20 अध्यक्षता में एसएफडब्ल्यूजी का मुख्य उद्देश्य निजी और सार्वजनिक टिकाऊ वित्त को बढ़ाने में मदद, सतत विकास के लिए पेरिस समझौते और 2030 एजेंडा के कार्यान्वयन में तेजी लाने का प्रस्ताव भी पास होगा। कार्य समूह की सह-अध्यक्षता अमेरिका और चीन कर रहा है और यूएनडीपी सचिवालय के रूप में सभी प्रस्तावों को रख रहा है। इटली, यूरोप, ब्राजील, फ्रांस, जापान, रसिया और सिंगापुर डेलीगेट्स ने अपना प्रस्ताव प्रेसीडेंट टेबल पर रखे।
नई दिल्ली लीडर्स डिक्लेरेशन 2023 होगा उदाहरण
9-10 सितंबर को दिल्ली में लीडर्स समिट के दौरान G20 नई दिल्ली लीडर्स डिक्लेरेशन 2023 को अपनाया गया। भारत की G20 अध्यक्षता के तहत एसएफडब्ल्यूजी में ने जलवायु वित्त के लिए संसाधन जुटाने, मिश्रित वित्त को बढ़ाने और एमडीबी की बढ़ी हुई भूमिका के तंत्र पर सिफारिशों का स्वागत किया। नेताओं ने हरित और निम्न-कार्बन प्रौद्योगिकियों के तेजी से विकास और तैनाती के लिए अधिक निजी प्रवाह को प्रोत्साहित करने के लिए नीतियों और प्रोत्साहनों पर सिफारिशों पर भी ध्यान दिया है।
नेताओं ने एसडीजी-संरेखित वित्त के लिए विश्लेषणात्मक ढांचे और सामाजिक प्रभाव निवेश उपकरणों को अपनाने और प्रकृति से संबंधित डेटा और रिपोर्टिंग में सुधार के लिए सिफारिशों का स्वागत किया। इसके अलावा, नेताओं ने बहु-वर्षीय जी20 तकनीकी सहायता कार्य योजना (टीएएपी) और जलवायु निवेश में डेटा संबंधी बाधाओं को दूर करने के लिए की गई स्वैच्छिक सिफारिशों का भी समर्थन किया। इस बैठक में पूरे दो दिन जी-20 सदस्यों और आईओ विचारों का आदान-प्रदान और अनुभवों को साझा करेंगे। इनको संयुक्त रूप से अपनाने के लिए सहमति भी बनेगी और साझा रिपोर्ट जारी की जाएगी।
बैठक में तीन प्राथमिकताओं की घोषणा के साथ चर्चा
भारत की G20 अध्यक्षता के तहत एसएफडब्ल्यूजी के लिए तीन प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की रूपरेखा तैयार की गई है। इसमें क्लाइमेट फाइनेंस के लिए समय पर और पर्याप्त संसाधन जुटाने के लिए तंत्र तैयार करना, सतत विकास लक्ष्यों के लिए वित्त सक्षम करना और सतत विकास की दिशा में वित्तपोषण के लिए पारिस्थितिकी तंत्र की क्षमता निर्माण शामिल है।