गांधीनगर- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुजरात की ई-विधानसभा का शुभारम्भ करने के बाद अपने संबोधन में इसे गुजरात का उत्कृष्ट कदम बताते हुए कहा कि यह असेंबली डिजिटल हाउस में तब्दील हो जाएगी। एप्लिकेशन की मदद से यह देश की अन्य विधानसभा और विधान परिषदों के लिए एक बेहतरीन उदाहरण होगा और वे भी इसे अपना सकते हैं। यह प्रगतिशील परिवर्तन है। उन्होंने ई-विधानसभा का महत्वपूर्ण कदम उठाने के लिए भारत सरकार और गुजरात सरकार को बधाई दी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुजरात विधानसभा में ई-असेंबली का उद्घाटन किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल और विधानसभा अध्यक्ष शंकर चौधरी और संसदीय मंत्री ऋषिकेश पटेल विधानसभा डेस्क पर मौजूद थे। गुजरात विधानसभा के डिजिटल हो जाने से विधानसभा में इस्तेमाल होने वाले 25 टन कागज की बचत होगी। इस मौके पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सी.आर. पाटिल और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शक्ति सिंह गोहिल भी मौजूद थे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुजरात में ई-विधानमंडल का उद्घाटन करते हुए कहा कि ई-विधानमंडल के फैसले से लोगों को फायदा होगा। राष्ट्रपति ने कहा कि गुजरात का भविष्य उज्ज्वल है, सबसे खास बात यह है कि गुजरात ने हमेशा अपना भविष्य भारत और भारतीयों के भविष्य के साथ देखा है। उन्होंने प्रदेश के प्रसिद्ध कवि उमा शंकर जोशी की पंक्ति ‘हूं गुर्जर भारतवासी, झांखो पल पल साहूजन मंगल मन मारु उल्लासी..’ का भी जिक्र किया और कहा कि यह कविता गुजरात की आत्मा की पुकार है। गुजरात की स्थापना के बाद विधानसभा में देखे गए उतार-चढ़ाव के बारे में बात करते हुए द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि इस सदन ने हमेशा समाज के हित के लिए काम किया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि सभी घरेलू प्रक्रियाओं को कागज रहित बनाकर पर्यावरण की भी रक्षा की जा सकती है। उन्होंने अपने भाषण के दौरान दूध उत्पादन और ऊर्जा के पारंपरिक स्रोतों के उपयोग में गुजरात की उपलब्धियों का भी उल्लेख किया। गुजरात विधानसभा का सत्र अब पारंपरिक कागजी कार्यवाही से दूर हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वन नेशन वन एप्लीकेशन’ के सपने को साकार करने वाला गुजरात पहला राज्य बन जाएगा। आज से पहली बार गुजरात की ई-विधानसभा की सौगात मिली है। विपक्ष राज्य की जनता के अहम मुद्दों को विधानसभा में रखेगा।