चंडीगढ़- दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में बुधवार को सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ में शहीद हुए न्यू चंडीगढ़ निवासी कर्नल मनप्रीत सिंह का अंतिम संस्कार शुक्रवार को उनके पैतृक गांव भड़ोंजिया में किया जाएगा। गुरुवार की शाम सेना के अधिकारियों ने गांव का दौरा करके अंतिम रस्मों के संबंध में परिजनों के साथ बातचीत की।
हुतात्मा कर्नल मनप्रीत सिंह दो साल पहले सेना पुरस्कार से सम्मानित किए गए थे। वह 19 राष्ट्रीय राइफल में तैनात थे। मनप्रीत सिंह की मृत्यु की खबर के बाद पूरे गांव में शोक की लहर है। आज दिन भर लोग व रिश्तेदार मनप्रीत के घर आकर परिजनों को ढांढस बंधाते रहे। कर्नल के पिता स्वर्गीय लखबीर सिंह भी सेना में सैनिक थे। मनप्रीत की मां मनजीत कौर (68) गांव में अपने छोटे बेटे संदीप सिंह के साथ रहती हैं। शहीद का पार्थिव शरीर देर रात तक आने का अनुमान है। शुक्रवार को गांव के ही शमशान में उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा। शहीद होने से दो दिन पहले ही कर्नल मनप्रीत ने भाई को फोन पर घर छुट्टी आने की सूचना दी थी, जिसको लेकर सभी खुश थे।
मनप्रीत सिंह तीन साल पहले ही लेफ्टिनेंट कर्नल से कर्नल पद पर पदोन्नत हुए थे। वह शादीशुदा थे। उनका सात साल का बेटा कबीर सिंह और ढाई साल की बेटी बानी है। उनकी पत्नी सरकारी स्कूल में टीचर है। शहीद कर्नल ने केंद्रीय विद्यालय मुल्लांपुर से 12वीं तक की पढ़ाई की थी। इसके बाद 2003 में वह सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर भर्ती हुए। 2020 में वह कर्नल प्रमोट हुए।
बुरहान वानी को मारने वाली बटालियन में थे मनप्रीत सिंह
मनप्रीत सिंह जिस बटालियन में कर्नल थे, उस बटालियन ने वर्ष 2016 में आतंकवादी बुरहान वानी को मारा था। मनप्रीत सिंह की बटालियन का वर्ष 2021 में अंधाधुंध गोलीबारी करने वाले आतंकवादियों से सामना हुआ था।