उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के आलमबाग स्थित पुरानी रेलवे कॉलोनी में शनिवार को एक जर्जर मकान की छत ढह गई। हादसे में तीन बच्चों समेत पांच लोगों की मौत हो गई। घटना की जानकारी पर पहुंची एनडीआरएफ की टीम ने राहत बचाव कार्य करते हुए सभी को मलवे से बाहर निकाला। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना में हुई जनहानि का शोक जताते हुए अधिकारियों को पीड़ितों को हर संभव मदद करने के निर्देश दिए हैं।
उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल की फतेह अली रेलवे कॉलोनी में तकरीबन दो सौ परिवार रहते हैं। कॉलोनी के अधिकांश मकान इतने जर्जर हो गए हैं कि वे कभी भी गिर सकते हैं। बावजूद इसके लोग अपनी जान को जोखिम में डालकर उन मकानों में रहने को मजबूर हैं। शनिवार को एक मकान की जर्जर छत भरभराकर गिर गई। मलवे में परिवार के लोग दब गए। सूचना पाकर पुलिस और राहत बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की टीम को बुलाया गया। टीम ने मलबा हटकार पांच लोगों को बाहर निकाला और इलाज के लिए लोकबंधु अस्पताल भेजा। डॉक्टर ने सभी को मृत घोषित कर दिया। मृतकों में सतीश चंद्र (40), सरोजनी देवी (35), हर्षित (13), हर्षिता (10) और अंश (05) शामिल हैं।
डीसीपी पूर्व हृदेश कुमार ने बताया कि पुरानी रेलवे कॉलोनी में घर की छत ढह गई। मलबे में दबकर परिवार के पांच लोगों की मौत हुई है। इनमें तीन बच्चे हैं। सतीश चन्द्र के पिता रामचंद्र रेलवे में नौकरी करते थे। सतीश अपने परिवार को लेकर यहां रहते थे। सतीश को अनुकंपा पर नौकरी मिलने की उम्मीद थी। सतीश के भाई अमित भी रेलवे में नौकरी करते हैं।
इस हादसे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आलमबाग में हुई घटना का संज्ञान लिया है। मृतकों के शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को मौके पर पहुंचकर राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने घटना का संज्ञान लेते हुए तुरंत ही स्थानीय अधिकारियों से वार्ता कर राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार के शेष परिजनों को सरकार की ओर से हर संभव मदद मुहैया कराई जाएगी।