भारत में स्वच्छता की अलख जगाने वाले महात्मा गांधी की जयंती पर पूरे देश में स्वच्छता को लेकर अलग-अलग कार्यक्रमों की शुरुआत की जा रही है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने भी विभिन्न स्वच्छता कार्यक्रमों के माध्यम से महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करने की तैयारी की है। इसी क्रम में योगी सरकार 2 अक्टूबर (गांधी जयंती) तक प्रदेश के सभी नगर निगमों, नगर पालिका और नगर पंचायतों में स्वच्छता जनादेश सर्वेक्षण 2023 करने जा रही है।
स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत प्रदेश का नगर विकास विभाग इस कार्यक्रम का संचालन करेगा, जिसमें सभी निकायों के पार्षद अपने वार्ड में स्वच्छता से संबंधित सवालों का जवाब देने के साथ ही अपने-अपने सुझाव भी देंगे। नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने सोमवार को इस वृहद अभियान की शुरुआत की।
15 दिन में अभियान से जुड़ेंगे 14 हजार पार्षद
आज से 2 अक्टूबर तक यानी 15 दिन चलने वाले इस स्वच्छता जनादेश सर्वेक्षण 2023 कार्यक्रम में प्रदेश के नगरीय निकायों से करीब 14 हजार पार्षद हिस्सा लेंगे। ये पार्षद अपने वार्ड में स्वच्छता को लेकर किए जा रहे कार्यों, स्वच्छता की स्थिति और विभिन्न स्वच्छता कार्यक्रमों के विषय में अपना रिस्पॉन्स डिजिटली प्रदान करेंगे। इसके लिए नगर विकास विभाग की ओर से एक क्यूआर कोड जेनरेट किया गया है, जिसे स्कैन करके पार्षद वेब पेज पर 20 सवालों का जवाब देकर विभाग को वार्ड के विषय में अवगत करा पाएंगे। यही नहीं, पार्षदों से सवालों के साथ-साथ स्वच्छ वार्ड को लेकर किए जा रहे उनके प्रयासों की भी जानकारी मांगी गई है, जबकि कैसे स्वच्छता अभियान को और प्रभावी व सफल बनाया जा सके, इस विषय में उनसे सुझाव भी लिए जाएंगे।
पार्षदों को करना होगा स्व मूल्यांकन
नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के प्रति हमारी प्रतिबद्धता एवं कचरा मुक्त शहर (गार्बेज फ्री सिटी) बनाने का उद्देश्य प्राप्त करने के लिए प्रदेश के प्रत्येक नगरीय निकाय में स्वच्छता जनादेश 2023 लागू किया जाना आवश्यक है। नगरीय निकायों में 2 अक्टूबर तक प्रदेश सरकार द्वारा नगर निगम, नगर पालिका परिषद, नगर पंचायत व वार्डों को स्वच्छता के मापदंडों पर पार्षदों द्वारा स्व मूल्यांकन करने के लिए स्वच्छता जनादेश 2023 के माध्यम से 20 बिंदुओं पर अपने निकाय से संबंधित सुझाव आमंत्रित किए जा रहे हैं। स्वच्छता जनादेश 2023 डेडिकेटेड बार कोड के माध्यम से किया जाएगा। प्रमुख सचिव ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों, नगर आयुक्त और अधिशासी अधिकारियों को निर्देशित किया है कि स्वच्छता जनादेश 2023 को सही एवं निर्धारित समय सीमा में पार्षदों से प्राप्त करने की कार्यवाही अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करें।
वार्ड से लेकर स्वच्छता कार्यक्रमों तक 20 बिंदुओं पर ली जाएगी जानकारी
पार्षदों को जिन 20 सवालों पर रिस्पॉन्स देना है, उनमें उनके जिले, नगर निकाय, वार्ड, वार्ड संख्या जैसे सामान्य सवालों के साथ स्वच्छता से संबंधित सवालों की शृंखला है। इसमें वार्ड में कूड़ा गाड़ी के संचालन से संबंधित सवाल पूछे गए हैं -जैसे क्या आपके वार्ड में गीला और सूखा कूड़ा अलग अलग रखा और एकत्रित किया जाता है ? क्या वार्ड में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन किया जाता है ? क्या आपके वार्ड में प्रतिदिन कचरे वाली गाड़ी आती है ? इसी तरह वार्ड में स्वच्छता कार्यक्रमों को लेकर भी जानकारी मांगी गई है जैसे वार्ड में प्रतिदिन झाड़ू लगती है या नहीं, कूड़ेदान (डस्टबिन) उपलब्ध हैं या नहीं, कूड़ेदान की समय-समय पर सफाई होती है या नहीं, नाली और तालाब साफ सुथरे हैं कि नहीं इत्यादि।
इसके अलावा वार्ड में प्लास्टिक और पॉलिथीन पर प्रतिबंध, जगह-जगह कचरे के ढेर जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर भी जानकारी मांगी गई है। उनसे पूछा गया है कि क्या उन्होंने कभी स्वच्छता संबंधित शिकायत दर्ज कराने के लिए टोल फ्री नंबर 1533 व 18001800101 का उपयोग किया है या नहीं। साथ ही कभी कोई स्वच्छता अभियान संचालित किए जाने से लेकर स्वच्छता समिति की प्रतिदिन बैठकों में प्रतिभाग के साथ ही स्वच्छता पर उनके सुझाव भी मांगे गए हैं।